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2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई को फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस बात का कोई भरोसेमंद सबूत नहीं मिला है कि साज़िश भोपाल और फरीदाबाद में रची गई थी. अपने फैसले में जज ने कहा कि यह भी साबित नहीं किया जा सका है कि जिस बाइक में बम रखा गया था वो प्रज्
2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई को फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस बात का कोई भरोसेमंद सबूत नहीं मिला है कि साज़िश भोपाल और फरीदाबाद में रची गई थी. अपने फैसले में जज ने कहा कि यह भी साबित नहीं किया जा सका है कि जिस बाइक में बम रखा गया था वो प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर रजिस्टर्ड थी. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'ATS और NIA की चार्जशीट में काफी अंतर है. अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि बम मोटरसाइकिल में था. प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला कि उन्होंने बम बनाया या उसे सप्लाई किया. यह भी साबित नहीं हुआ कि बम किसने लगाया. घटना के बाद विशेषज्ञों ने सबूत इकट्ठा नहीं किए, जिससे सबूतों में गड़बड़ी हुई. धमाके के बाद पंचनामा ठीक से नहीं किया गया, घटनास्थल से फिंगरप्रिंट नहीं लिए गए और बाइक का चेसिस नंबर कभी रिकवर नहीं हुआ. बाइक साध्वी प्रज्ञा के नाम से थी, यह भी सिद्ध नहीं हो पाया.'
इस मामले में सुनवाई और अंतिम दलीलें पूरी करने के बाद कोर्ट ने 19 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. इस मामले में सात लोग आरोपी बनाए गए थे. इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर और समीर कुलकर्णी शामिल हैं. इन सातों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इन सभी पर UAPA और IPC की अलग-अलग धाराओं में मामले दर्ज किए गए थे. मालेगांव ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, 'मुझे 13 दिनों तक प्रताड़ित किया गया. मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी गई मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया. अपने ही देश में मुझे आतंकवादी बना दिया गया. मैं उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कह सकती जिन्होंने मुझे इस स्थिति तक पहुंचाया. मैं जीवित हूं क्योंकि मैं एक भिक्षु हूं.'