एजुकेशन
जया पाण्डेय | Jul 31, 2025, 11:19 AM IST
1.लखनऊ में हुआ आईएएस रिंकू सिंह राही का ट्रांसफर
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के पुवायां के एसडीएम रिंकू सिंह राही का वकीलों के सामने कान पकड़कर उठक-बैठक करने का वीडियो वायरल होने के बाद उनका तबादला कर दिया गया है. अब उन्हें लखनऊ में राजस्व परिषद की जिम्मेदारी दी गई है.
2.कितने पढ़े-लिखे हैं आईएएस रिंकू सिंह राही?
आज हम आपको बताएंगे कि आईएएस रिंकू सिंह राही कितने पढ़े-लिखे हैं और उनका स्टेट पीसीएस से लेकर यूपीएससी क्रैक कर सिविल सेवक बनने तक का सफर कैसा रहा है. इसके अलावा हम उनके जीवन के उस अहम घटना के बारे में भी बताएंगे जिसने उनकी पूरी जिंदगी ही बदल डाली.
3.सरकारी स्कूल से हुई है पढ़ाई
आईएएस रिंकू सिंह राही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के निवासी हैं. वह एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए किसी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ने की जगह उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है.
4.एनआईटी से इस ब्रांच में किया है बीटेक
रिंकू ने अलीगढ़ के राजकीय इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की है. अच्छे मार्क्स लाने पर उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप भी मिली. उन्होंने एनआईटी जमशेदपुर से मेटलर्जी ब्रांच में बीटेक किया है. इतना ही नहीं उन्होंने गेट की परीक्षा में 17वीं रैंक हासिल की थी.
5.2007 में पास की पीसीएस परीक्षा
उन्होंने साल 2007 में उत्तर प्रदेश की पीसीएस परीक्षा पास की और जिला समाज कल्याण अधिकारी बने. जून 2008 में उनकी तैनाती मुजफ्फरनगर हुई जहां उन्होंने भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कई सुधार लागू किए. उन्होंने प्रत्येक स्कूल और कॉलेज को भेजी जाने वाली छात्रवृत्ति राशि का समाचार पत्रों में प्रकाशन अनिवार्य कर दिया.
6.भ्रष्टाचार के खिलाफ खाईं 7 गोलियां
उनके कामों ने समाज कल्याण विभाग में कई भ्रष्टाचार के घोटालों को उजागर किया जो कुछ लोगों को रास नहीं आया. उनके भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों के कारण हिंसक विरोध हुआ. मार्च 2009 में बैडमिंटन खेलते समय उन्हें सात गोलियां मारी गईं. उनकी जान तो बच गई लेकिन एक आंख चली गई और जबड़ा टूट गया.
7.2018 में हुए निलंबित
चार महीने अस्पताल में गुजारने के बाद वह वापस लौटे तो उन्हें अलीगढ़ डॉ. भीमराव अम्बेडकर IAS/PCS प्री एग्जाम कोचिंग सेंटर में कोर्स कॉर्डिनेटर का कार्यभार दिया गया. भ्रष्टाचार के खिलाफ राही की लड़ाई की वजह से उन्हें कई विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. साल 2018 में वह निलंबित भी हुई.
8.UPSC में लाए इतनी रैंक
साल 2021 में उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी और विकलांगता कोटे से 683वीं रैंक हासिल करके आईएएस अधिकारी बने. उन्होंने 40 साल की उम्र में देश की सबसे मुश्किल मानी जाने वाली इस परीक्षा को पास किया. उनकी कहानी उम्मीदवारों को असफलता से न डरने के लिए प्रोत्साहित करती है क्योंकि हर असफलता एक सबक है जो आगे बढ़ने में मदद करती है.
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