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धर्म
रक्षासूत्र केवल कच्चा धागा नहीं बल्कि पवित्र रिश्ते की डोर है. यह प्यार, भरोसा और सम्मान का प्रतीक है. रक्षाबंधन का त्योहार लोग बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के अटूट प्रेम और श्रद्धा और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है. यह त्योहार हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त को पड़ रही है. रक्षाबंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है. इसे रक्षासूत्र कहा जाता है. इसमें भाई दीर्घायु और सफलता की कामना भी करती है.
रक्षाबंधन के त्योहार पर बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधी जाती है. इस दिन रक्षासूत्र केवल कच्चा धागा नहीं बल्कि पवित्र रिश्ते की डोर है. यह प्यार, भरोसा और सम्मान का प्रतीक है. रक्षाबंधन का त्योहार लोग बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यही वजह है कि लोग बड़े ही श्रद्धापूर्वक राखी भी बंधवाते हैं, लेकिन जब बात आती है कलाई से राखी उतारने की तो इसपर ज्यादा ध्यान नहीं देते. राखी को खोलकर इधर उधर फेंक देते हैं. यह बेहद गलत तरीका है. आइए जानते हैं राखी उतारकर क्या करना चाहिए.
कलाई पर बंधी राखी को आपको कितने दिनों में उतारना चाहिए. इसको लेकर ज्यादातर लोगों का अलग अलग तर्क होता है. वहीं कुछ लोग श्रद्धा, सुविधा और व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है. वहीं धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से कुछ मान्यताएं और नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है.
धार्मिक दृष्टि से देखें तो राखी खोलने का कोई निश्चित समय नहीं है. न ही इसके लिए कोई विशेष दिन बना है. कलाई पर बंधी राखी को सावन को पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद अमावस्या यानी 15 दिनों तक जरूर रखना चाहिए. वहीं मान्यता है कि राखी 3, 7 या 11 दिनों तक हाथों में जरूर रखनी चाहिए. कुछ लोग इसे जन्माष्टमी से लेकर गणेश चतुर्थी तक रखते हैं. इसके बाद राखी को उतारते हैं. राखी को उतारकर एक अच्छे स्थान पर रखना चाहिए. इसे किसी साफ पानी में बहा दें. वहीं राखी को पितृपक्ष शुरू होने से पहले जरूर उतार देना चाहिए.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और ज्योतिष पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है.
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