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Pitru Paksha Start Date: श्राद्ध के बीच कैसे धरती पर आते हैं पितर, जानें कैसे श्राद्ध ग्रहण करते हैं आपके पूर्वज

इन 15 दिनों पितर यानी मरे हुए अपके पूर्वज और परिवार के लोग घर आते हैं. ऐसे में बहुत से लोग सोचते हैं कि आखिरी श्राद्धकाल में मरे हुए लोग अपने पुत्र के घर कैसे पहुंच जाते हैं. आइए जानते हैं इसका जवाब.

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Pitru Paksha Start Date: श्राद्ध के बीच कैसे धरती पर आते हैं पितर, जानें कैसे श्राद्ध ग्रहण करते हैं आपके पूर्वज

हिंदू धर्म में सितंबर माह में 15 दिन श्राद्ध काल होता है. इस बार श्राद्ध माह की शुरुआत 7 सितंबर से होने वाली है. यह  21 सितंबर तक रहेंगे. इस दौरान श्राद्ध में हमें अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म करने चाहिए. माना जाता है कि इन 15 दिनों पितर यानी मरे हुए अपके पूर्वज और परिवार के लोग घर आते हैं. ऐसे में बहुत से लोग सोचते हैं कि आखिरी श्राद्धकाल में मरे हुए लोग अपने पुत्र के घर कैसे पहुंच जाते हैं, तो इसका जवाब स्कंदपुराण में दिया गया है. आइए जानते हैं कि कैसे श्राद्ध के समय पितर अपने घर तक पहुंचते हैं.

ये लोग धरती पर आते हैं

स्कंदपुराण में भर्तृयज्ञ ने बताया गया है कि जो लोग इस लोक में मरते हैं, वो उनमें से बहुत से लोग जन्म ग्रहण करते हैं. कुछ लोग स्वर्गलोक पहुंचते हैं तो वही बहुत से लोग यमलोक में जाते हैं. यमलोक या स्वर्ग लोक में रहने वाले पितरों को भी तब तक भूख और प्यास होती है, जब तक वे माता या पिता से तीन पीढ़ियों तक रहते हैं. तब तक वे श्राद्ध ग्रहण करने धरती पर आते हैं. 

कैसे ग्रहण करते हैं पितर श्राद्ध का भोजन

पितृलोक या देवलोक में पितर श्राद्धकाल में सूक्षम शरीर से आकर श्राद्ध खाने आए ब्राह्मणों के शरीर में आ जाते हैं. इसके बाद जीव जहां होता है. उसे भोग की प्राप्ति कराकर तृप्ति पहुंचाते हैं. ये दिव्य पितर हर जगह होते हैं. इसलिए पितरों के लिए सदा अन्न और जल का दान करते रहना चाहिए. श्राद्ध में भी तृप्त पितर प्रसन्न होकर मनुष्य को मनवांछित फल देते हैं.

कौन सी हैं श्राद्ध तिथियां 2025

पहले श्राद्ध की शुरुआत पूर्णिमा तिथि से होती है. इस बार पूर्णिमा 7 सितंबर 2025 से हो रही है. इसके बाद 08 सितम्बर 2025, सोमवार द्वितीया श्राद्ध 09 सितम्बर 2025, मंगलवार तृतीया श्राद्ध 10 सितम्बर 2025, बुधवार चतुर्थी श्राद्ध 10 सितम्बर 2025, बुधवार पञ्चमी श्राद्ध 11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार महा भरणी 11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार षष्ठी श्राद्ध 12 सितम्बर 2025, शुक्रवार सप्तमी श्राद्ध 13 सितम्बर 2025, शनिवार अष्टमी श्राद्ध 14 सितम्बर 2025, रविवार नवमी श्राद्ध 15 सितम्बर 2025, सोमवार दशमी श्राद्ध 16 सितम्बर 2025, मंगलवार एकादशी श्राद्ध 17 सितम्बर 2025, बुधवार द्वादशी श्राद्ध 18 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार त्रयोदशी श्राद्ध 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार मघा श्राद्ध 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार चतुर्दशी श्राद्ध 20 सितम्बर 2025, शनिवार सर्वपितृ अमावस्या 21 सितम्बर 2025, रविवार को होगी.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी गणनाओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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