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एजुकेशन
जया पाण्डेय | Jul 31, 2025, 02:42 PM IST
1.नोएडा की पहली महिला डीएम हैं मेधा रूपम
मेधा रूपम हाल ही में नोएडा की पहली महिला जिलाधिकारी बनी हैं. वह 2014 बैच की तेजतर्रार आईएएस अधिकारी हैं जो अपनी मजबूत लीडरशिप क्वॉलिटी और तुरंत लेने वाले फैसलों के लिए जानी जाती हैं.
2.डीएनए में रही है सिविल सेवा
1990 में उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में मेधा एक ऐसे परिवार में पली-बढ़ीं जहां सिविल सेवा एक करियर ऑप्शन नहीं बल्कि उनके लिए लगभग एक आनुवंशिक विरासत थी. उनके पिता ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो बाद में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त बने.
3.इन स्कूलों से पढ़ी हैं नोएडा की नई डीएम
पारिवारिक समारोहों में छोटी-मोटी बातें कम और नीतिगत फैसलों से जमीनी जीवन में आए बदलावों पर ज़्यादा चर्चा होती थी. मेधा की स्कूली शिक्षा एर्नाकुलम के नेवल पब्लिक स्कूल से शुरू हुई और बाद में वह हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के लिए तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल चली गईं.
4.सेंट स्टीफंस कॉलेज से किया है ये कोर्स
स्कूलिंग खत्म होने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला लिया. यहां से उन्होंने इकोनॉमी ऑनर्स किया और यहां उन्होंने राजकोषीय नीतियों, विकास विरोधाभासों और योजना तालिकाओं व गरीबी रेखाओं के बीच की खाई का गहन विश्लेषण किया.
5.यूपीएससी में 10वीं रैंक लाकर बनीं आईएएस
ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म होते ही वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. उन्होंने साइकोलॉजी को यूपीएससी की मेन्स परीक्षा के लिए अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट बनाया. साल 2013 में उन्होंने 10वीं रैंक के साथ यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली.
6.नेशनल लेवल की रायफल शूटर भी हैं मेधा
मेधा नेशनल लेवल की रायफल शूटर भी हैं. उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा का प्रशिक्षण लिया और केरल राज्य निशानेबाजी चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते. इसके अलावा उन्होंने नेशनल लेवल के टूर्नामेंटों में भी राज्य का प्रतिनिधित्व किया.
7.यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी हैं मेधा
मेधा रूपम का प्रशासनिक सफर चमकदार बोर्डरूम जैसा नहीं रहा बल्कि उन्हें उत्तर प्रदेश के सबसे मुश्किल जिलों में पोस्टिंग मिली. उन्होंने बरेली और मेरठ से शुरुआत की और शासन का असली व्याकरण सीखा. हापुड़ की ज़िला मजिस्ट्रेट के तौर पर वह सिर्फ़ दिखावटी घोषणाओं में यकीन नहीं रखती थीं.
8.अब नोएडा की बदलेंगी दिशा?
फिर आया कासगंज, जहां प्रकृति ने नौकरशाही की परीक्षा ली. बाढ़ के पानी ने सड़कें निगल लीं और गांवों का संपर्क टूट गया. लेकिन रूपम ने अपनी एसयूवी छोड़कर ट्रैक्टर पर सवार होकर जलमग्न गलियों से होते हुए मौके पर ही बचाव और राहत का समन्वय किया. अब नोएडा उनके प्रशासनिक सफर में एक नए अध्याय के तौर पर जुड़ा है.
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