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खून ऐसा कि दुनिया में कोई मेल नहीं, इस दुर्लभतम Blood Group के लिए चाहिए खुद की ही नसों से जिंदगी

आज हम आपको ऐसे ब्लड ग्रुप के बारे में बताएंगे जिसे अभी हाल ही में खोजा गया है. इस ब्लड ग्रुप वाले इंसान को किसी दूसरे का खून नहीं चढ़ाया जा सकता बल्कि उसे पहले से ही अपना खून स्टोर रखना पड़ता है...

जया पाण्डेय | Jul 30, 2025, 04:51 PM IST

1.कर्नाटक में मिली दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाली महिला

कर्नाटक में मिली दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाली महिला
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कर्नाटक के कोलकर जिले की एक 38 वर्षीय महिला दुनिया की पहली ऐसी इंसान बन गई है जिसका ब्लड ग्रुप दुर्लभ है और इसे पहले दुनिया में कहीं भी खोजा नहीं जा सकता है. 

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2.सिर्फ खुद के खून से ही बच सकती है जान

सिर्फ खुद के खून से ही बच सकती है जान
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डॉक्टरों का कहना है कि अगर कभी इस महिला को खून की जरूरत पड़ी तो सिर्फ अपने ही खून से इसकी जान बच सकती है. इसके लिए उसे पहले ही रक्तदान करके अपना खून स्टोर करना होगा.  

3.हर नमूने के साथ खून की प्रतिक्रिया थी अजीब

हर नमूने के साथ खून की प्रतिक्रिया थी अजीब
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जब डॉक्टरों को इस महिला के ब्लड ग्रुप का पता नहीं चल पाया तो इस केस को रोटरी बैंगलोर टीटीके ब्लड सेंटर की एडवांस्ड इम्यूनोहेमेटोलॉजी रेफरेंस लैब में भेजा गया. यहां एक्सपर्ट ने पाया कि उनके द्वारा जांचे गए हर नमूने के साथ इस खून की प्रतिक्रिया अजीब थी. 

4.खून में मिला अनोखा एंटीजन

खून में मिला अनोखा एंटीजन
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इसका मतलब था कि इस रक्त में एक अनोखा एंटीजन था जो पहले कभी नहीं देखा गया था. जब महिला के परिवार के ब्लड ग्रुप की जांच की गई तो इस एंटीजन का कोई मिलान नहीं मिला.

5.इलाज के दौरान किसी के खून से मैच नहीं हुआ ब्लड

इलाज के दौरान किसी के खून से मैच नहीं हुआ ब्लड
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महिला को पिछले साल फरवरी में हार्ट सर्जरी के लिए कोलार के आरएल जलप्पा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था जो आमतौर पर सामान्य होता है. लेकिन इलाज के दौरान महिला का खून किसी और के खून से मैच नहीं कर रहा था

6.10 महीने की टेस्टिंग के बाद हुई पुष्टि

10 महीने की टेस्टिंग के बाद हुई पुष्टि
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फिर डॉक्टरों ने उसके नमूने ब्रिटेन के International Blood Group Reference Laboratory में भेजा. 10 महीने की टेस्टिंग के बाद लैब ने पुष्टि की किइस खून में एक नया एंटीजन है जिसे क्रोमर (CR) ब्लड ग्रुप सिस्टम का हिस्सा माना जाता है. 
 

7.CRIB रखा गया नए एंटीजन का नाम

CRIB रखा गया नए एंटीजन का नाम
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उन्होंने इस नए एंटीजन का नाम CRIB रखा जिसमें CR का मतबल क्रोमर और IB का मतलब इंडिया, बेंगलुरु है. इस खोज की घोषणा इटली के मिलान में हुए इंटरनेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन कॉन्फ्रेंस में की गई. 

8.क्या होता है ऑटोलॉगस ट्रांसफ़्यूज़न?

क्या होता है ऑटोलॉगस ट्रांसफ़्यूज़न?
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डॉक्टरों का कहना है कि अगर उसे फिर कभी खून चढ़ाने की जरूरत पड़ी तो वह दूसरों के दान किए गए खून पर निर्भर नहीं रह सकती. इसके लिए उसे अपना हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाकर पहले से ही अपना खून स्टोर करना पड़ सकता है. इस प्रक्रिया को ऑटोलॉगस ट्रांसफ़्यूज़न कहा जाता है.

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