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पिछले कुछ सालों में रेव पार्टियां युवाओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय हो गई हैं. लेकिन ये पार्टि गैर कानूनी क्यों है और पकड़े जानें पर क्या सजा मिलती है, चलिए जान लें.
कुछ दिन पहले पुणे पुलिस ने खराड़ी इलाके में एक बड़ी कार्रवाई की जहां संभ्रांत इलाके में एक रेव पार्टी अकसर चलती थी. पुलिस ने इस पार्टी से पांच पुरुषों और दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. लेकिन आख़िर ये रेव पार्टी क्या है? इसके लिए क़ानूनन क्या सज़ा हो सकती है? आइए जानते हैं.
पिछले कुछ सालों में रेव पार्टियां युवाओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं और ये पार्टियां देर रात, खासकर शहरों से दूर लॉन, फार्महाउस या समुद्र तटों पर होती हैं. इन पार्टियों में चमकदार रोशनी, तेज़ संगीत, शराब और खाने-पीने का ज़रिया होता है. इस तरह की पार्टियां युवाओं में खुशी और उत्साह बढ़ाती नज़र आती हैं, लेकिन दूसरी ओर, इन पार्टियों में नशीली दवाओं का सेवन, कानून का उल्लंघन और सार्वजनिक शांति भंग जैसी गंभीर बातें भी होती हैं. इसलिए, रेव पार्टियां अब सिर्फ़ एक चलन या मनोरंजन का साधन नहीं रह गई हैं, बल्कि अब समाज और क़ानून के दायरे में चर्चा का विषय बन गई हैं.
रेव पार्टी आखिर होती क्या है?
एक आयोजक ऐसी पार्टी की योजना बनाता है. यह पार्टी आमतौर पर किसी जंगल, पहाड़, फार्महाउस या समुद्र तट पर आयोजित की जाती है. इस जगह पर खाने-पीने, शराब, आकर्षक रोशनी और तेज़ आवाज़ में संगीत की व्यवस्था की जाती है. कई बार, भाग लेने वाले युवाओं से प्रवेश शुल्क भी लिया जाता है.
भारतीय कानून में 'रेव पार्टी' का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं
दिलचस्प बात यह है कि भारतीय कानून में 'रेव पार्टी' का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है. पुलिस या मीडिया ऐसे आयोजनों को 'रेव पार्टी' कहते हैं. लेकिन अगर कोई अपने दोस्तों के साथ किसी निजी जगह, जैसे फ्लैट, में पार्टी कर रहा हो, तो उसे कानूनी तौर पर रेव पार्टी नहीं कहा जा सकता.
नारकोटिक ड्रग्स के तहत होती है कार्रवाई
अगर किसी रेव पार्टी में ड्रग्स का इस्तेमाल पाया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत कार्रवाई की जाती है. यह एक्ट कोकीन, मेफेड्रोन, अफीम और मारिजुआना जैसे कुछ पदार्थों के इस्तेमाल, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है.
कितने साल की होती है जेल
एनडीपीएस एक्ट के अनुसार, अगर किसी के पास निजी इस्तेमाल के लिए ड्रग्स पाए जाते हैं, तो उसे 6 महीने से लेकर 1 साल तक की कैद हो सकती है. लेकिन अगर ये ड्रग्स बड़ी मात्रा में और बिक्री के उद्देश्य से रखे हुए पाए जाते हैं, तो आरोपी को 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है. पुलिस आरोपी से ड्रग्स की मात्रा, इस्तेमाल के उद्देश्य और घटना में शामिल अन्य अपराधों की पुष्टि के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल करती है.
इन घटनाओं ने समाज और अभिभावकों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है. रेव पार्टियां सिर्फ़ मनोरंजन या स्टेटस सिंबल नहीं हैं, बल्कि अगर कानून का उल्लंघन किया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इसलिए युवाओं और उनके अभिभावकों को इस मामले को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है.
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