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एजुकेशन
जया पाण्डेय | Jul 29, 2025, 12:52 PM IST
1.टोंक में बड़ा नाम बन गई हैं सौम्या झा
आईएएस अधिकारी सौम्या झा राजस्थान के टोंक में एक बड़ा नाम बन गई हैं. उन्होंने यहां शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है. बहुत कम उम्र में ही उनके पास सिविल सेवा में विभिन्न पदों पर काम करने का अनुभव है. अपने काम के प्रति उनकी लगन और दूरदर्शी सोच उन्हें दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों से अलग बनाती है.
2.2017 बैच की आईएएस अधिकारी हैं सौम्या
सौम्या झा 2017 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. वह मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं, लेकिन कई साल तक वह मध्य प्रदेश में रहीं. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की और फिर यूपीएससी परीक्षा पास की.
3.एमबीबीएस के बाद क्रैक की यूपीएससी
सौम्या झा ने बिहार से अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके बाद दिल्ली के मौलाना आज़ाद कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की. वह शुरू से ही डॉक्टर बनना चाहती थीं. उनकी मां भी रेलवे में डॉक्टर हैं और उनके पिता एक आईपीएस अधिकारी हैं.
4.यूपीएससी में लाईं 58वीं रैंक
एमबीबीएस पूरा करने के बाद उन्होंने 2016 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफल रहीं. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने 58वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनीं.
5.अबतक इन पदों पर रहीं हैं सौम्या झा
सौम्या को पहले हिमाचल कैडर आवंटित किया गया था जहां उन्हें पहली बार आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. हालांकि दो साल बाद 2019 में उन्हें राजस्थान कैडर में ट्रांसफर कर दिया गया. यहां उन्हें पहले जयपुर जिला परिषद का सीईओ बनाया गया और उसके बाद वह उन्हें गिर्वा और उदयपुर में एसडीएम के पद पर नियुक्त हुईं.
6.टोंक की सबसे युवा कलेक्टर हैं सौम्या
बाद में उन्हें टोंक की कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया और वे जिले की सबसे युवा कलेक्टर हैं. यहां उन्होंने शिक्षा के अलावा और भी बहुत कुछ किया और बड़ी मात्रा में बूचड़खानों पर कब्ज़ा किया. वे कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव के पद पर भी तैनात रहीं.
7.टोंक में की 'पढ़ाई विद एआई' पहल की शुरुआत
आईएएस सौम्या झा ने टोंक ज़िले में 'पढ़ाई विद एआई' पहल की शुरुआत की जिसने राजस्थान में शिक्षा का कायाकल्प कर दिया. इस पहल के तहत स्कूलों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित शिक्षण उपकरण पेश किया
8.कैसे स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद है यह पहल?
यह बदलाव तब आया जब सौम्या ने ज़िले के विभिन्न स्कूलों का दौरा किया और देखा कि स्टूडेंट्स अपने कम शैक्षणिक प्रदर्शन के कारण अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ हैं. हालांकि एआई की शुरुआत के बाद स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई अधिक आकर्षक और प्रभावी हो गई.
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