Bihar Crime: बिहार मे बेलगाम हुए अपराधी, पटना AIIMS की नर्स के घर में घुसकर जिंदा जला दिए दो मासूम
Viral News: ABCD सीखना है तो महीने के देने होंगे 21 हजार रुपये? नर्सरी की फीस देख लोगों के उड़े होश
Samantha की ग्लोइंग स्किन और फिट बॉडी का क्या है सीक्रेट? जानिए एक्ट्रेस का डेली रूटीन
Micro Walking Benefits: हेल्दी रहने का आसान तरीका है माइक्रो वॉकिंग, जानें इससे मिलने वाले फायदे
कहीं Vitamin D की कमी से तो नहीं जूझ रहा आपका लाडला? इन लक्षणों से पहचानें
भारत पर ट्रंप का टैरिफ वार से किस सेक्टर को लगेगा सबसे बड़ा झटका? यहां समझिए पूरी डिटेल
1 परफॉर्मेंस के लिए 2 करोड़ चार्ज करता है ये Bollywood सिंगर, नेटवर्थ जान कर लगेगा झटका
अचानक रूस का नाम लेकर भारत पर क्यों भड़क गए ट्रंप, ट्रेड डील पर दबाव या तेल का खेल है वजह?
UPPRPB OTR 2025: यूपी पुलिस की नई भर्ती से पहले करना होगा यह काम, UPPRPB ने लागू किया नया नियम
डीएनए मनी
देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार 99,446 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके साथ ही 'प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना' के तहत साढ़े तीन करोड़ लोगों को 2 सालों में नौकरी दी जाएंगी.
सरकार ने रोज़गार संबंधी प्रोत्साहन देने के लिए एक योजना शुरू की है. इसकी शुरुआत 1 अगस्त 2025 से श्रम मंत्रालय द्वारा की जाएगी. प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना के तहत देशभर में साढ़े तीन करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी. 1 अगस्त से 1 लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू होगी. आइए जानते हैं क्या है योजना और कैसे मिलेगी नौकरी...
सरकार ने रोजगार संबंधी प्रोत्साहन देने करने के लिए 'प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना' शुरू करने का फैसला किया है. श्रम मंत्रालय के अनुसार, यह योजना 1 अगस्त, 2025 से लागू होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना का उद्देश्य देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही 99,446 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ 'प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना' (पीएमवीबीआरवाई) के माध्यम से 2 वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देना है. इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे. इस योजना का लाभ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा.
रोज़गार-संबंधी प्रोत्साहन योजना 1 अगस्त, 2025 से प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) के रूप में लागू की जाएगी. यह नाम विकासशील भारत पहल की दिशा में इस योजना के सभी उद्देश्यों के पूरा करना है. यह देश में समावेशी और पर्यावरण-अनुकूल रोज़गार के अवसर पैदा करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नियोक्ताओं को नए रोज़गार सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली इस योजना का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए विभिन्न क्षेत्रों में नए रोज़गार सृजन के लिए लाभ प्रदान करना है. यह रोज़गार-आधारित विकास के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने की भारत की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
इस योजना के दो हिस्से होंगे. पहला निवेश करने वालों पर केंद्रित है, जबकि दूसरा हिस्सा नियोक्ताओं पर केंद्रित है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पहली बार पंजीकरण कराने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए, पहले हिस्से के तहत, प्रति माह 15000 रुपये तक का EPF अंशदान दो किश्तों में उपलब्ध होगा. 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी इसके लिए पात्र होंगे. पहली किश्त छह महीने की सेवा के बाद और दूसरी किश्त 12 महीने की सेवा के बाद दी जाएगी. वहीं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने वाले कर्मचारियों के लिए और बचत की आदत डालने के लिए इस पैसे को दिया जाएगा.
एक निश्चित अवधि के लिए बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा और फिर कर्मचारी इसे निकाल सकेगा. इसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन शामिल होगा. नियोक्ताओं को एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक लगातार कार्यरत प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी. विनिर्माण क्षेत्र के लिए, यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष के लिए भी बढ़ाया जाएगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.