आपको कैसे पता चीन ने जमीन हड़प ली? सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार, फिर दी बड़ी राहत
ये 6 ताने बच्चों का तोड़ देते हैं मनोबल, बन जाते हैं बागी या मेंटली हो जाते हैं डिस्टर्ब
भारत के सरकारी बैंकों में किसका स्टाफ है सबसे भारी? ये रही टॉप 5 Employer Banks की लिस्ट
बॉस से ज्यादा स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना देंगी ये आदतें, ऑफिस में कायम होगी आपकी बादशाहत
अंतर्राष्ट्रीय खबरें
युद्ध में जान गंवाने का डर उन्हें अंदर तक तोड़ चुका है. ये बातें यूं ही नहीं लिखी जा रहीं. यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों ने टीचर्स का दर्द बयां किया.
डीएनए हिंदी: Ukraine और Russia के बीच की जंग अभी थमती नजर नहीं आ रही है. करीब 19 दिन हो गए हैं और तबाही जारी है. हमारा देश तुरंत मिशन गंगा चलाकर देशवासियों को भारत ले आया लेकिन जरा उनका सोचिए जो इस वक्त वहां अपनी जान बचाने के लिए रोज जद्दोजहद कर रहे हैं. इस युद्ध में जान गंवाने का डर उन्हें अंदर तक तोड़ चुका है. यह बातें यूं ही नहीं लिखी जा रहीं. यूक्रेन के स्थानीय लोगों की चिंता और डर वहां से लौटे भारतीय छात्रों ने बयां किया.
डीएनए हिंदी ने यूक्रेन से लौटी जिया बलूनी से बात की. उन्होंने बताया कि भारत सरकार उन्हें पूरे अहतियात और सुविधा के साथ लेकर आई थी. वहां उन्हें किसी भी चीज से जुड़ी परेशानी नहीं हुई लेकिन यूनिवर्सिटी से बाहर निकलते वक्त यूक्रेनी टीचर्स के उदास चेहरों ने दिल तोड़ दिया. जिया ने कहा, हमें निकालने के लिए कोशिशें तेज थीं. रोज ही कुछ न कुछ मैसेज आता था और हम उस हिसाब से तैयार रहते थे. जबतक हम वहां थे हमने कभी खुद को यूक्रेन के लोगों से अलग नहीं समझा हम उस मुसीबत की घड़ी में हरदम साथ थे लेकिन जब वहां से निकलने का दिन आया तो हमारे कदम उठने को तैयार नहीं थे.
'ऐसा लग रहा था मानो कंधों पर कोई वजन पड़ गया है. हम एक लाइन में बसों की तरफ बढ़ रहे थे और हमारे टीचर्स हमें गले लगाकर रो रहे थे. वह एक ही बात कह रहे थे कि 'शायद हम अब कभी न मिलें, क्या पता हम एक दूसरे को दोबारा न देख पाएं'. जिन टीचर्स का हमसे कभी सीधा संपर्क नहीं रहा वे भी हमसे मिलने के लिए खड़े थे. सभी की आंखें नम थीं. हमारे दिल के एक कोने में अपने घर लौटने का उत्साह था लेकिन जंग के बीच अपने टीचर्स, यूक्रेनी साथियों और यूनिवर्सिटी कैंपस को छोड़ने का गम था. हम केवल उन्हें सांत्वना दे सकते थे क्योंकि हम भी जानते थे कि आने वाला समय उनके लिए मुश्किल होगा.'
जिया ने बताया कि जब उनकी बसें सुमी से निकल रही थीं तो रूसी टैंक सुमी में घुसने को तैयार खड़े थे. जिन सड़कों पर कभी कॉलेज के बच्चे मस्ती में घूमा करते थे, तस्वीरें खिंचवाया करते थे वो सब अब पहले जैसा नहीं रहा था.
ये भी पढ़ें:
1- Ukraine में फंसे 800 भारतीय छात्रों को निकाल लाईं जांबाज पायलट Mahashweta Chakraborty
2- Ashneer Grover से लेकर Steve Jobs तक जिस कंपनी को बनाया उसी से निकाल दिए गए ये लोग