एजुकेशन
जया पाण्डेय | Aug 04, 2025, 02:12 PM IST
1.कौन हैं अरविंद श्रीनिवास?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तेज़-तर्रार दुनिया में पर्प्लेक्सिटी एआई के को-फाउंडर और सीईओ अरविंद श्रीनिवास एक गंभीर चुनौती के रूप में उभरे हैं. कभी गूगल में रिसर्चर रहे श्रीनिवास ने बिग टेक को छोड़कर अपना खुद का कुछ बनाने का फैसला किया. तीन साल से भी कम समय में पर्प्लेक्सिटी एआई सिर्फ एक आइडिया से अरबों डॉलर के स्टार्टअप में बदल गया.
2.आईआईटी मद्रास से पढ़े हैं अरविंद श्रीनिवास
1994 में चेन्नई में जन्मे अरविंद श्रीनिवास पर उनकी मां की महत्वाकांक्षाओं का गहरा प्रभाव पड़ा. हर बार जब वे आईआईटी मद्रास के पास से गुजरते तो वह उनसे कहतीं कि एक दिन तुम भी यहीं पढ़ोगे और ठीक वैसा ही हुआ. अरविंद ने 2017 में आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दोहरी डिग्री के साथ ग्रेजुएशन किया.
3.एआई में दिलचस्पी ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी पहुंचाया
इसके बाद उन्होंने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी की. लेकिन एआई की ओर उनका सफर पहले ही शुरू हो गया था. उन्होंने पायथन सीखा और डीप लर्निंग के एक्सपर्ट योशुआ बेंगियो के अधीन इंटर्नशिप की.
4.इस वजह से कंप्यूटर साइंस में नहीं मिल पाया था एडमिशन
जीपीए में मामूली कमी के कारण आईआईटी में कंप्यूटर साइंस ब्रांच में दाखिला न ले पाने के बावजूद अरविंद ने मशीन लर्निंग में अपनी रुचि को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक रास्ते खोज निकाले. उनकी लगन ने आखिरकार लाखों लोगों के इंटरनेट सर्च करने के तरीके को ही बदल डाला.
5.पर्प्लेक्सिटी एआई में क्या है खास?
2022 में अरविंद ने डेनिस याराट्स, जॉनी हो और एंडी कोनविंस्की के साथ मिलकर सैन फ्रांसिस्को में पर्प्लेक्सिटी एआई लॉन्च किया. उनका लक्ष्य एक ऐसा पारदर्शी और संवादात्मक सर्च इंजन बनाना जो पारंपरिक सर्च इंजनों या LLM चैटबॉट्स के विपरीत सीधे उद्धरणों के साथ सवालों के जवाब दे सके.
6.मई 2025 में भारती एयरटेल के साथ किया पार्टनरशिप
उनकी टाइमिंग लाजवाब थी. जिस तरह जनरेटिव एआई ने दुनिया भर में धूम मचाई, उसी तरह पेरप्लेक्सिटी ने रीयल-टाइम सर्च को एआई-जनरेटेड रिस्पॉन्स के साथ जोड़कर अपनी एक अलग पहचान बनाई. पर्प्लेक्सिटी की सबसे बड़ी वृद्धि मई 2025 में हुई जब इसने भारती एयरटेल के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की.
7.2028 के बाद आईपीओ लाने की है योजना
एप्पल, मेटा और दूसरे टेक्निकल दिग्गजों के प्रस्तावों के बावजूद अरविंद ने पेरप्लेक्सिटी एआई को बेचने से इनकार कर दिया. साल 2028 के बाद वह आईपीओ लाने की भी योजना बना रहे हैं. चेन्नई की बस में सफर करने से लेकर सिलिकॉन वैली के बोर्डरूम तक उनकी यात्रा हमें याद दिलाती है कि अगर खुद पर भरोसा हो तो दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं है.
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