एजुकेशन
जया पाण्डेय | Aug 04, 2025, 10:41 AM IST
1. एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक को मिला प्रमोशन
महाराष्ट्र पुलिस के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर दया नायक को असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस के पद पर प्रमोशन मिला है. यह वही पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का तमगा हासिल है और इनके ऊपर बॉलीवुड की एक फिल्म 'अब तक छप्पन' भी बनी हुई है.
2.1995 में महाराष्ट्र पुलिस का हिस्सा बने थे दया नायक
दया नायक 1995 में मुंबई पुलिस में शामिल हुए और वर्तमान में क्राइम ब्रांच की बांद्रा यूनिट में तैनात हैं. दया 1990 के दशक में उन पुलिस अधिकारियों में से एक के रूप में प्रसिद्ध हुए जिन्होंने एनकाउंटर्स में कई गैंगस्टरों को मार गिराया.
3.विवादों से रहा है गहरा नाता
हालांकि इस सुपरकॉप का विवादों से भी गहरा नाता रहा है. साल 2006 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. इसके बाद नायक को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट देकर 2012 में उन्हें एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (वेस्ट) कंट्रोल रूम के पद पर बहाल कर दिया गया.
4.एटीएस में भी किया है काम
दया नायक ने महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) में भी काम किया है और वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2021 में अंबानी निवास सुरक्षा घोटाले और उसके बाद ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले को सुलझाया था.
5.नौकरी की तलाश में आए थे मुंबई
कर्नाटक के उडुपी में एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्मे दया नायक बड्डा और राधा नायक के सबसे छोटे बेटे हैं. अपने गांव के कन्नड़ मीडियम स्कूल से सातवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद नायक अपने परिवार की मदद के लिए नौकरी की तलाश में 1979 में मुंबई आ गए थे.
6.होटल में वेटर की जॉब की
भारत की आर्थिक राजधानी में उनकी पहली नौकरी एक होटल में थी. उन्होंने मुंबई के गोरेगांव स्थित एक नगरपालिका स्कूल से बारहवीं की पढ़ाई पूरी की. वे जिस होटल में काम करते थे उसके बरामदे में रहकर उन्होंने पढ़ाई की.
7.ऐसे जागा पुलिस अधिकारी बनने का सपना
इसके बाद उन्होंने अंधेरी के सीईएस कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. जब अपना पेट पालने के लिए उन्हें प्लंबिंग का काम सीखना शुरू किया तो उनकी मुलाकात नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के कुछ पुलिस अधिकारियों से हुई. उन्हें देखकर दया के मन में भी पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा जागी.
8.छोटा राजन गैंग के गुंडों का एनकाउंटर करने के बाद मिली लोकप्रियता
इसके बाद साल 1995 में पुलिस अकादमी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें जुहू पुलिस स्टेशन में पुलिस सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया. यह वह समय था जब मुंबई में अंडरवर्ल्ड अपने चरम पर था. दिसंबर 1996 में उन्होंने मुंबई के जुहू में छोटा राजन के दो गुंडों का कथित तौर पर एनकाउंटर कर दिया.इसके साथ ही पुलिस हलकों में नायक की लोकप्रियता बढ़ गई.
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