भारत
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है लेकिन साथ ही उन्हें बड़ी राहत भी दी है, जानें क्या है पूरा मामला...
सुप्रीम कोर्ट ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन्हें फटकार लगाई है. उन्होंने कहा, 'अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसा कुछ नहीं कहेंगे.' राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दावा किया था कि चीन की सेना ने भारत के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता से पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि चीन ने भारत की सैकड़ों किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है? कोर्ट ने कहा- 'अभिव्यक्ति की आज़ादी का ये मतलब नहीं है कि आप कुछ भी कह दें.'
फटकार लगाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है. इस मामले में लखनऊ के कोर्ट में राहुल गांधी पर कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. इस मामले पर जस्टिस दापांकर दत्ता और जस्टिस जॉर्ज मसीह की बेंच ने यूपी सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को संसद में अपनी बात रखने की समझाइश देते हुए कहा, 'आप विपक्ष के नेता हैं. संसद में बातें कहें, सोशल मीडिया पर क्यों कहते हैं?' इस मामले में 29 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद राहुल गांधी ने सु्प्रीम कोर्ट में खुद के खिलाफ़ की गई शिकायत के खिलाफ अपील की थी. राहुल गांधी ने तर्क दिया था कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला दुर्भावना से प्रेरित था.
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 9 दिसंबर, 2022 को दिए बयान में कहा था, 'चीन ने भारतीय सीमा के 2000 स्क्वायर किलोमीटर पर अपना कब्जा कर लिया है. चीन के सैनिकों ने 20 भारतीय सैनिकों को मार गिराया है और वो अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं. भारतीय मीडिया इस बारे में कोई सवाल नहीं पूछेगी.'
इस बयान को लेकर बॉर्डर रोड ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) के पूर्व डायरेक्टर उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एक अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था. इसी के खिलाफ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. राहुल गांधी की तरफ से उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि विपक्ष का नेता मीडिया में छपी खबर को लेकर बयान नहीं दे सकता.
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