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Premanand Ji Maharaj ने बताया, क्यों कोई नहीं कर पाता था हनुमान जी को परास्त

Premanand Maharaj Pravachan: प्रवचन में वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि क्यों कोई हनुमान जी को कभी परास्त नहीं कर सका, जानें क्या थी इसकी 2 बड़ी वजह...

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Premanand Ji Maharaj ने बताया, क्यों कोई नहीं कर पाता था हनुमान जी को परास्त

Premanand maharaj pravachan

पौराणिक कथाओं के अनुसार, राम जी के परम भक्त हनुमान जी (Lord Hanuman) 8 अष्टचिरंजीवी में से एक हैं और उनकी शक्तियों की तुलना किसी से नहीं हो सकती है. हनुमान जी ने बड़े-बड़े सूरमाओं को परास्त किया था. लेकिन, कभी कोई उन्हें परास्त नहीं कर सका. पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंकापति रावण से लेकर मेघनाद और कुंभकरण जैसे योद्धाओं को भी हनुमान जी परास्त कर सकते थे.  

सोशल मीडिया पर वायरल प्रवचन के एक वीडियो में वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने बताया कि क्यों कोई हनुमान जी को कभी परास्त नहीं कर सका,  प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार जानें क्या थी इसकी 2 बड़ी वजह...

क्या कहते हैं प्रेमानंद जी महाराज
वैसे तो पुराणों में महाबली हनुमानजी को लेकर तमाम तरह की बातें कही गई हैं, कभी उनकी शक्तियों को लेकर तो कभी श्रीराम के प्रति उनकी निष्ठा और भक्ति को लेकर. इसके साथ ही उनकी वीरता का भी खूब बखान किया गया है. 

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संत प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि हनुमान जी को कोई परास्त नहीं कर सका, इसके पीछे के 2 बड़े कारण थे. पहला था उनका पवित्र चरित्र और दूसरा हृदय में भगवान का निरंतर सुमिरन.

पवित्र चरित्र बना विजय का कारण
रामचरितमानस के एक दोहे को पढ़ते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा... 'प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखि कोसलपुर राजा' उनके विजय का यही कारण था, कोई भी कहीं भी हनुमान जी को परास्त नहीं कर पा रहा था, क्योंकि उनका चरित्र बहुत ही पवित्र था.

हनुमान जी का चित कहीं डिगा नहीं
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि लंका में ऐसी विलासता थी, कि हनुमान जी के अलावा कोई भी दूसरा व्यक्ति पवित्र विचार रख ही नहीं सकता था. लंका में ऐसे राक्षस निवास करते थे, जिनकी प्रवृत्ति ही भगवान से खिलाफ थी. इसलिए हनुमान जी का चित कभी भी, कहीं भी डिगा नहीं था.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)   

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