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America gets a setback, big deal cancelled: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर टैरिफ बम गिराकर 25 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की है. ट्रम्प की इस घोषणा के नतीजे अब सामने आने लगे हैं और ताजा अपडेट ये है कि भारत ने यूएस के साथ हुई एक बड़ी डील कैंसिल कर दी है.
India cancels big deal after US tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बम गिराकर 25 प्रतिशत टैक्स लगाने का ऐलान किया था. ट्रंप के इस ऐलान के नतीजे अब सामने आने लगे हैं. भारत को अपना दोस्त बताने वाले ट्रंप ने भारत को धोखा दिया और सबसे ज़्यादा टैक्स लगा दिया. अब भारत ने भी पलटवार किया है. भारत ने अमेरिका के साथ एक बड़ी डील रद्द करने का ऐलान कर दिया है.
अमेरिका को झटका, बड़ी डील रद्द...
ट्रंप की टैरिफ बढ़ोतरी की घोषणा का दोनों देशों के बीच व्यापार पर असर पड़ने की संभावना है. अब एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 लड़ाकू विमान को खरीदने से इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को संयुक्त उद्यम के तौर पर विकसित करना चाहती है. भारत के करीबी दोस्त रूस ने भी पांचवीं पीढ़ी के एसयू-57 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने की पेशकश की है. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, रूस ने पांचवीं पीढ़ी के विमान के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त विकास का प्रस्ताव दिया है. एफ-35 लड़ाकू विमानों पर भारत के रुख के बाद रूस के एसयू-57 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के सौदे की संभावना है.
ट्रंप ने पीएम मोदी को दिया था प्रस्ताव...
'ब्लूमबर्ग' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अमेरिकी F-35 फाइटर जेट खरीदने में दिलचस्पी नहीं रखता है. रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि भारत ने अमेरिका को बता दिया है कि उसे F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं है. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ये महंगे फाइटर जेट बेचने की पेशकश की थी. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि मोदी सरकार घरेलू स्तर पर रक्षा उपकरणों के संयुक्त डिजाइन और उत्पादन पर केंद्रित साझेदारी में अधिक रुचि रखती है. इसका सीधा मतलब है कि भारत संयुक्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के आधार पर रक्षा सौदे करना चाहता है. ब्रिटेन की रॉयल नेवी का F-35 फाइटर जेट तकनीकी खराबी के कारण करीब 37 दिनों तक केरल में फंसा रहा था. इसके अलावा कैलिफोर्निया में भी एक F-35 जेट क्रैश हो चुका है. इन दोनों घटनाओं ने F-35 के प्रदर्शन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
ट्रम्प के टैरिफ पर भारत की क्या प्रतिक्रिया होगी?
खबरों के मुताबिक, भारत अमेरिका से आयात बढ़ाकर स्थिति को संतुलित करने की कोशिश कर सकता है. खास तौर पर, प्राकृतिक गैस, संचार उपकरण और सोने का आयात बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इस फैसले से अगले 3-4 सालों में अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष कम हो सकता है.
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अतिरिक्त अमेरिकी रक्षा उपकरण नहीं खरीदेगा. इसमें एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान का प्रस्ताव भी शामिल है, जो ट्रंप ने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान रखा था. भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है और घरेलू रक्षा उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने की अपनी नीति दोहराई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के दबाव के बावजूद, भारत महंगे आयात के बजाय संयुक्त रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को प्राथमिकता दे रहा है.