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धर्म
Raksha Bandhan 2025 Bhadra Time: आइए जानते हैं इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है, क्या इस बार भी रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहेगा...
Raksha Bandhan 2025- रक्षाबंधन का खास त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता को दर्शाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. हालांकि इस दिन शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखना जरूरी होता है. इस दिन अगर भद्रा का साया है तो उस समय तक राखी नहीं बांधी जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा ( Raksha Bandhan Bhadra Kaal) के समय राखी बांधना अशुभ होता है. तो आइए जानते हैं इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है, क्या इस बार भी रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहेगा? साथ ही जानेंगे भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधी जाती है...
पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार सावन की पूर्णिमा दो दिन है. ऐसे में भाई को राखी बांधन के लिए शुभ समय काफी मिल रहा है. पूर्णिमा तिथि की बात की जाए यह 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:52 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि यानी सूर्योदय 9 अगस्त को उदय मिल रहा है, इसलिए इस बार 9 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा.
रक्षाबंधन पर लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि क्या इस बार भी भद्रा लगेगी? क्योंकि भद्रा के समय राखी बांधना वर्जित माना जाता है. तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार सावन पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू हो रही है, इसी समय से भद्रा भी लग जाएगी. हालांकि दूसरे दिन यानी 9 अगस्त को भद्रा सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा के साथ ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा और उस समय भद्रा का साया नहीं रहेगा.
बता दें कि इस बार रक्षाबंधन के पहले जो भद्रा लग रही है, उसे पाताल लोक की भद्रा मानी जा रही है, जिसका असर कुछ हद तक कम माना जाता है. लेकिन, फिर भी शुभ कार्य के लिए इसके समाप्त होने के बाद ही राखी बांधना बेहतर रहेगा, जो कि 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी.
पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा न्याय के देवता शनि देव की बहन यानी सूर्यदेव की पुत्री हैं और ऐसा कहा जाता है कि भद्रा का स्वभाव क्रोधी है. ऐसे में भद्रा के स्वभाव को काबू में करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था. इसलिए भद्राकाल के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है. भद्राकाल के समापन के बाद शुभ कार्य किए जाते हैं, ऐसे में रक्षाबंधन पर भद्रा के दौरान राखी नहीं बांधी जाती है.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है.
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