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हाल ही में TikTok के 'डस्टिंग' चैलेंज की वजह से 19 साल की लड़की को एक हफ्ते तक ICU में रहना पड़ा और बाद में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया, यहां जानिए पूरा मामला.
हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी जिसमें 19 साल की लड़की रेना ओ'रुरके को TikTok के 'डस्टिंग' चैलेंज की वजह से एक हफ्ते तक ICU में भर्ती रहना पड़ा था और बाद में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. अब एक बार फिर ऑनलाइन ट्रेंड के घातक परिणामों को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं. आइए यहां जानते हैं कि यह 'डस्टिंग' चैलेंज क्या है और इसके क्या नुकसान हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस चैलेंज को करने के लिए लड़की ने घर पर एयरोसोल कीबोर्ड क्लीनर मंगवाया था. अपनी मां की जानकारी के बिना, उसने और उसके बॉयफ्रेंड ने इस 'डस्टिंग' चैलेंज में हिस्सा लिया, जिसके बाद उसकी हालत गंभीर हो गई. फिर उसे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया. लाख कोशिशों के बाद भी लड़की की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और आखिर में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
टिकटॉक पर मशहूर 'डस्टिंग' चैलेंज एक सोशल मीडिया ट्रेंड है जिसमें लोग नशे में धुत होने के लिए घरेलू उत्पादों से निकलने वाली गैसों को अंदर लेते हैं. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होता है. ऐसा करने के लिए लोग अक्सर एयर डस्टर, क्लीनिंग स्प्रे, पेंट थिनर, डियोड्रेंट या हेयरस्प्रे जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं. इन उत्पादों में ऐसे केमिकल होते हैं जिन्हें अंदर लेने पर अस्थायी रूप से यूफोरिया या मतिभ्रम हो सकता है.
टिकटॉक का 'डस्टिंग' चैलेंज सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. इसमें इस्तेमाल किए गए केमिकल जब सांस के साथ अंदर जाते हैं, तो वे सीधे फेफड़ों में जाते हैं और वहां से तेजी से ब्लड फ्लो में अवशोषित हो जाते हैं और मस्तिष्क तक पहुंचकर नुकसान पहुंचा सकते हैं और नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित कर सकते हैं. यह खतरनाक चैलेंज दिल का दौरा, दम घुटना, दौरा पड़ना और कोमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. कई मामलों में, व्यक्ति इनहेलेंट एब्यूज यानी सडन स्निफिंग डेथ सिंड्रोम का शिकार हो सकता है, जिसमें पहली बार सूंघने के बाद भी व्यक्ति की मौत हो सकती है.
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है. इस पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.)
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