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Indore gets crown of cleanliness for the 8th time इंदौर को 8वीं बार देश का सबसे साफ शहर होने का ताज मिला है. वहीं दूसरे नंबर पर कौन सा शहर है ये जानने के साथ चलिए ये भी जानें कि इंदौर को क्लिन करने वाला सुपर हीरो है कौन?
इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रचा है और अपने शहर का दबदबा कायम रखा है. दरअसल 8वीं बार इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर का ताज मिला है. सुपर स्वच्छ लीग में सबसे ज्यादा अंक मिलने वाले इंदौर को दिल्ली में सम्मानित किया गया.
बता दें, 2017 से स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर पहले स्थान पर आ रहा था. इसके अलावा सूरत, नवी मुंबई सहित कुछ शहर हैं जो लगातार दूसरे और तीसरे स्थान पर आ रहे थे. सवाल ये उठता है कि आखिर इंदौर शहर की तस्वीर बदलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के पीछे किसका हाथ रहा है. ये सच है कि इंदौर नगर निगम का इसमें सबसे बड़ा हाथ रहा है लेकिन लोगों को मोटिवेट करने के लिए एक और नाम सामने आया है.
इस शख्स के गाने ने बदल दी पूरे शहर की तकदीर
आखिर ऐसा क्या हुआ कि इंदौर शहर ने स्वच्छता के मामले में देश के बाकी शहर पीछे छोड़ दिया है? ये सिर्फ झाड़ू और डस्टबिन का कमाल नहीं है बल्कि इस शहर की तस्वीर बदलने के लिए पर्दे के पीछे एक हीरो का नाम सामने आया है और इका नाम है देवऋषि और इनके गानों से पूरे शहर की सोच बदल दी.
2016 में हो हल्ला से शुरू हुआ स्वच्छा मिशन
इंदौर की स्वच्छता की कहानी में एक अनोखा अध्याय जुड़ गया था जब 2016 में 'हो हल्ला' गाना बना. इस गाने ने शहर के लोगों को अंदर से स्वच्छता के प्रति जागरूक किया और उन्हें इस सफाई मिशन से जोड़ दिया.
क्या था 'हो हल्ला'?
'हो हल्ला' एक गाना था जिसे मशहूर सिंगर शान ने गाया था और देवऋषि ने इसकी धुन बनाई थी. यह गाना इंदौर नगर निगम द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए बनाया गया था. देवऋषि, जो पेशे से फिल्ममेकर और संगीतकार हैं ने इस गाने के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया.
कैसे बदला इंदौर?
इंदौर में स्वच्छता को लेकर माहौल तो था, लेकिन जोश नहीं था. लेकिन 'हो हल्ला' गाने ने शहर के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया और उन्हें इस मिशन से जोड़ दिया. गाना इतना लोकप्रिय हुआ कि यह शहर के बच्चों से लेकर बूढ़ों तक का सुबह का अलार्म बन गया. नगर निगम की गाड़ियां इसी धुन पर निकलतीं और लोग सीना चौड़ा करके कहते - "हम हैं इंदौरी, स्वच्छता हमारी शान है!"
नई धुनें और नए गाने
इंदौर जब पहली बार नंबर-1 बना, तो देवऋषि ने नई धुन बजाई. इसके बाद 'हो हल्ला अगेन', 'हैट्रिक', 'चौका' और 'हल्ला बोल' जैसे गाने बने, जो लोगों के रग-रग में उतर गए.
देश भर में बज रही देवऋषि की धुन
इंदौर की सफलता के बाद, देवऋषि ने रायपुर के लिए 'मोर रायपुर' और भोपाल के लिए 'स्वच्छता की राजधानी' जैसे गाने बनाए. आज देश के अलग-अलग कोनों में उनके बनाए गाने स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं.
आध्यात्म की ओर
अब देवऋषि सिर्फ गाने नहीं बना रहे, बल्कि मन और भावनाओं का इलाज भी कर रहे हैं. उन्होंने साधना पांडे के साथ मिलकर 'सनातन विज़डम' नाम की संस्था बनाई है, जहां भारतीय ध्वनि दर्शन के ज़रिए मानसिक स्वास्थ्य पर काम हो रहा है.
बदलाव की नींव
इंदौर की यह कहानी हमें सिखाती है कि सिर्फ कानून या आदेश से शहर नहीं बदलते. जब हर आदमी जुड़ता है, गाता है, गर्व करता है - तब असली बदलाव आता है. और इस बदलाव की नींव रखी एक संगीतकार ने, जो खुद को 'मिस्टिक साउंड अल्केमिस्ट' कहता है - नाम है देवऋषि.
यहां जानें देश में सबसे साफ शहर में कौन सा शहर किस नंबर पर है
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