Twitter
Advertisement

वो IITian जिसने उड़ाई ChatGPT की नींद, AI में दिलचस्पी ने पहुंचाया विदेश, जानें अरविंद श्रीनिवास की कहानी

Numerology: 'बादशाह' जैसी जिंदगी जीते हैं इन 3 तारीखों में जन्मे लोग! अपने स्वाभिमान से कभी नहीं करते समझौता

आपको कैसे पता चीन ने जमीन हड़प ली? सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार, फिर दी बड़ी राहत

Good Habits: 'आज 21वां दिन है, जब मैंने सिगरेट छोड़ दी...' पंचायत के 'दामाद जी' ने बताया कैसे 21 दिन के फार्मूले से बदली जिंदगी

ये 6 ताने बच्चों का तोड़ देते हैं मनोबल, बन जाते हैं बागी या मेंटली हो जाते हैं डिस्टर्ब

भारत के सरकारी बैंकों में किसका स्टाफ है सबसे भारी? ये रही टॉप 5 Employer Banks की लिस्ट

बॉस से ज्यादा स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना देंगी ये आदतें, ऑफिस में कायम होगी आपकी बादशाहत 

झारखंड के पूर्व CM और पूर्व केंद्रीय मंत्री Shibu Soren का निधन, किडनी संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में थे भर्ती

'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' लड़का जो कभी करता था वेटर का काम, अब इस पद पर हुआ 'सुपरकॉप' दया नायक का प्रमोशन

Diabetes Symptoms In Men: पुरुषों में डायबिटीज होने पर शरीर देता है ये चेतावनियां, समय रहते दें ध्यान नहीं दिया तो शुगर होगी अनकंट्रोल

भड़काऊ भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सरकारें तुरंत करें कार्रवाई, नहीं तो अवमानना के लिए रहें तैयार

Supreme Court On Hate Speech: सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ भाषण को लेकर दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस जारी कर तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया है.

भड़काऊ भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- सरकारें तुरंत करें कार्रवाई, नहीं तो अवमानना के लिए रहें तैयार

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ और नफरती भाषणों (Hate Speech) को लेकर शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि सांप्रदायिक आधार भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में पुलिस खुद संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज करे और सख्त एक्शन लें. सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि हेट स्पीट मामलों में अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो अवमानना माना जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर सख्त लहजे में कहा कि 21वीं सदी में एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए इस तरह के भड़काऊ भाषण देकर माहौल खराब करना चौंकाने वाले हैं. कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच को लेकर आरोप बहुत गंभीर हैं. भारत का संविधान हमें एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में परिकल्पित करता है.

हेट स्पीच पर नहीं लिया एक्शन तो मानी जाएगी कोर्ट अवमानना
सुप्रीम कोर्ट ने नफरत भरे भाषणों को बहुत ही गंभीर मुद्दा करार देते हुए दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को सरकारों को निर्देश दिया कि वे ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज होने का इंतजार किए बिना दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले तुरंत दर्ज करें. कोर्ट ने चेतावनी दी कि प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की देरी अदालत की अवमानना के दायरे में आएगी.

ये भी पढ़ें- Maharashtra: किसी भी केस की जांच कर सकेगी CBI, एकनाथ शिंदे ने पलटा उद्धव ठाकरे का फैसला

न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने शाहीन अब्दुल्ला नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर यूपी और उत्तराखंड सरकारों को नोटिस भी जारी किए पीठ ने कहा कि राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने के लिए नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, भले ही वे किसी भी धर्म के हों.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

 

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement