भारत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के संविधान को लेकर दिए गए बयान पर राहुल गांधी ने जवाब दिया है. X पर ट्वीट करते हुए राहुल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.
अभी बीते दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने यह तर्क दिया था कि संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द हटा देना चाहिए. संविधान को मुद्दा बनाकर दत्तात्रेय द्वारा इतना कहना भर था. कयास था कि ये जुमला, सिर्फ जुमला न होकर एक बड़ा मुद्दा बनेगा और ऐसा ही हुआ. बाद में विपक्ष ने इसे लेकर खूब राजनीति की और ऐसे तमाम तर्क दिए जिनमें ये कहा गया कि चाहे वो संघ हो या फिर भारतीय जनता पार्टी दोनों ही संविधान विरोधी हैं.
सवाल ये हे कि क्या दत्तात्रेय होसबाले के बयान के बाद शुरू हुई बहस समाप्त हो गई? जवाब हमें तब नहीं में मिलता है जब हम लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का रुख करते हैं. राहुल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.
बताते चलें कि विवाद की शुरुआत उस वक़्त हुई जब गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने यह कह दिया कि 1976 में आपातकाल के दौरान 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को जबरन संविधान में जोड़ा गया और अब वक्त आ गया है कि इन्हें हटाया जाए.
दत्तात्रेय ने इस बात पर बल दिया कि 42वें संशोधन के जरिए जोड़े गए 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द कृत्रिम हैं और उन्हें संविधान से हटा देना चाहिए. दत्तात्रेय की इस बात ने राहुल गांधी को X पर ट्वीट के लिए मजबूर कर दिया है.
मामले के मद्देनजर राहुल ने X पर लिखा है कि, 'RSS का नकाब फिर से उतर गया. संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है. RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.
RSS का नक़ाब फिर से उतर गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 27, 2025
संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है।
RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और ग़रीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा ग़ुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा ताक़तवर हथियार उनसे छीनना इनका…
अपने ट्वीट में राहुल ने लिखा कि ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं. संविधान जैसा ताक़तवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है. RSS ये सपना देखना बंद करे. हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे. हर देशभक्त भारतीय आख़िरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा.'
जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को जाहिर कर चुके हैं कि संघ महासचिव की तरफ से आए इस बयान ने सियासी सरगर्मियां तेज कर दी हैं तो लगातार इस मुद्दे पर बयानबाजी हो रही है. देखना दिलचस्प रहेगा कि दत्तात्रेय होसबाले के बयान का बचाव संघ कैसे और किस तरह करता है.