Twitter
Advertisement

Congress MP Chain Snatching: दिल्ली में बेखौफ़ हुए अपराधी, हाई सिक्योरिटी इलाके में कांग्रेस सांसद R. Sudha के साथ चेन स्नैचिंग हो गई

वो IITian जिसने उड़ाई ChatGPT की नींद, AI में दिलचस्पी ने पहुंचाया विदेश, जानें अरविंद श्रीनिवास की कहानी

Numerology: 'बादशाह' जैसी जिंदगी जीते हैं इन 3 तारीखों में जन्मे लोग! अपने स्वाभिमान से कभी नहीं करते समझौता

आपको कैसे पता चीन ने जमीन हड़प ली? सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार, फिर दी बड़ी राहत

Good Habits: 'आज 21वां दिन है, जब मैंने सिगरेट छोड़ दी...' पंचायत के 'दामाद जी' ने बताया कैसे 21 दिन के फार्मूले से बदली जिंदगी

ये 6 ताने बच्चों का तोड़ देते हैं मनोबल, बन जाते हैं बागी या मेंटली हो जाते हैं डिस्टर्ब

भारत के सरकारी बैंकों में किसका स्टाफ है सबसे भारी? ये रही टॉप 5 Employer Banks की लिस्ट

बॉस से ज्यादा स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना देंगी ये आदतें, ऑफिस में कायम होगी आपकी बादशाहत 

झारखंड के पूर्व CM और पूर्व केंद्रीय मंत्री Shibu Soren का निधन, किडनी संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में थे भर्ती

'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' लड़का जो कभी करता था वेटर का काम, अब इस पद पर हुआ 'सुपरकॉप' दया नायक का प्रमोशन

अलविदा किंग! फुटबॉल के जादूगर पेले का मैच देखने के लिए रुक गया था नाइजीरिया का गृहयुद्ध

पेले, ब्राजील के फुटबॉल के बादशाह थे. वह पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिसे ग्लोबल सुपरस्टार कहा गया. उनकी लोकप्रियता किसी सीमा में कभी नहीं बंधी.

अलविदा किंग! फुटबॉल के जादूगर पेले का मैच देखने के लिए रुक गया था नाइजीरिया का गृहयुद्ध

pele

डीएनए हिंदी: बॉक्सिंग के साथ जैसे अली का और हॉकी के साथ जैसे ध्यानचंद का नाम स्मृतियों में सहज उभरता है, वैसे ही फुटबॉल के साथ पेले का था. तीनों अपने खेलों के पर्याय. अपने खेलों की लयताल में निबद्ध रूमते-झूमते इनके नाम! अपने खेलों से ये वैसे ही अभिन्न, अभेद … राग से जैसे बाजा! लीजेंड, महानतम जैसी उपाधियां इन पर एकदम फिट रहीं और सुशोभित हमेशा. आज तो कोहराम मचा है कि गोट (goat), Greatest of All Times कौन! लगभग सभी खेलों में नंबर वन की तू-तू- मैं-मैं , फुटबॉल में तो यह बेहद ज्यादा है. खासकर विश्वकप जीतने के बाद तो यकीनन ‘गोट’ तो दावा बिना विश्वकप के भी ‘गोट’ होने का है. ट्रॉफियां गिनवायी जा रही हैं, फ्री किक, गोल हैट्रिकों की गिनती की जा रही है.

ऐसे में देखिए और हैरत कीजिए कि पेले के पास विश्व कप की हैट्रिक थी. आज दिमाग में देश-दुनिया के कितने खेलों के कितने-कितने खिलाड़ियों के नाम बसे हैं. टेनिस के बहुत खिलाड़ी, क्रिकेट और फुटबॉल के भी अनगिनत, लेकिन उन छोटे-सलोने दिनों में जादूगर, किंग और ग्रेटेस्ट के नामों से दिल रोशन था. उन्हीं दिनों में नायडू का नाम अवतरित हुआ था और उड़ते हुए आए ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह के नाम ने मन में डेरा डाल लिया था. खेलों की आकाशगंगा के यही चमकते नक्षत्र थे, शुद्ध और शाश्वत. फिर तो और और जुड़ते रहे पीके बनर्जी, चुन्नी गोस्वामी, जयदीप मुखर्जी, रामनाथन कृष्णन, चंदू बोर्डे, टाइगर पटौदी आदि. 

जादू हो या राजा हो ये बहुत प्राचीन हैं . जैसे कि हॉकी, फुटबॉल, मुक्केबाज़ी और खेल प्राचीन हैं. जैसे कि महानता बहुत प्राचीन है. मेजर ध्यानचंद, मोहम्मद अली और पेले ये भी प्राचीन नाम हैं. प्राचीन बचपन की तरह और वह बचपन आह्लादित था कि उसमें इतनी प्राचीन चीज़ें एक-दूसरे से एकमेक हो गईं थीं. 

नाइजीरिया ने रोक दिया था युद्ध
फुटबॉल पर अपनी मशहूर किताब 'सॉकर इन सन एंड शैडो' में उरुग्वे के लेखक इतिहासकार एदुआर्दो गालेआनो पेले के बारे में लिखते हैं, "सैकड़ों गीत उस पर हैं. सत्रह साल की उम्र में वह दुनिया का चैम्पियन और फ़ुटबॉल का राजा था. उसके बीस साल के होने के पहले ब्राज़ील की सरकार ने उसे राष्ट्रीय़ सम्पत्ति घोषित कर दिया जिसे निर्यात नहीं किया जा सकता. ब्राज़ील की टीम के साथ उसने 3 वर्ल्ड कप जीते और अपने क्लब  सैंटोस के लिए 2 चैम्पियनशिप. अपने हज़ारवें गोल के बाद भी उसने गिनती जारी रखी. अस्सी देशों में उसने 1300 मैच खेले और लगभग तेरह सौ ही गोल किए. एक बार उसने युद्ध रुकवा दिया. नाइजीरिया और बायफ्रा ने उसे खेलते देखने के लिए युद्ध रोक दिया.

उसे खेलते देखने के लिए युद्धविराम से ज़्यादा भी कुछ किया जा सकता है. पेले जब तूफ़ानी गति से दौड़ता है तो वह अपने प्रतिद्बंद्बियों को ऐसे काटते चलता है जैसे एक गर्म चाकू मक्खन को. जब वह रुकता है तो विपक्षी खिलाड़ी उसके कढ़ाई करते पैरों भी भूलभूलैया में खो जाते थे. जब वह कूदता था, तब हवा में ऐसे चढ़ जाता था जैसे वह कोई ज़ीना हो. जब वह फ्री किक लेता था तो किक रोकने के लिए दीवार बने विपक्षी खिलाड़ी अपना मुंह गोल पोस्ट की तरफ चाहते थे ताकि वे गोल देखने से वंचित ना रह जाएं.

वह दूरदराज के एक ग़रीब घर में पैदा हुआ और सत्ता और सम्पदा के उस शिखर तक पहुंचा जहां कालों को पहुंचने की इजाज़त नहीं है. फ़ील्ड से बाहर होने पर वह अपने समय का एक मिनट भी नहीं देता और एक सिक्का भी उसके जेब नहीं गिरता. लेकिन हममें से जिन्होंने उसे खेलते हुए देखा है उन्हें असाधारण सौंदर्य का दान मिला है. अमरता के योग्य वे क्षण हमें यह विश्वास दिलाते थे कि अमरता होती है."

(यह लेख मनोहर नायक ने लिखा है. वह वरिष्ठ लेखक और पत्रकार हैं.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement