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भारत
ऋतु सिंह | Jul 29, 2025, 08:56 AM IST
1.विदेश मंत्रालय के ये आंकड़े चौंका रहे हैं
क्या आप जानते हैं? पिछले 5 सालों में 10 लाख से ज़्यादा भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी है? विदेश मंत्रालय (MEA) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 2019 से 2024 के बीच 10,40,860 भारतीयों ने स्वेच्छा से अपने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किए हैं. यानी हर साल औसतन 2 लाख लोग भारत को 'अलविदा' कह रहे हैं.
2.भारतीय किस देश जा रहे हैं?
भारतीय नागरिक लगभग 135 देशों में बस रहे हैं. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे विकसित देश शामिल हैं. लेकिन साथ ही, आइसलैंड, ब्राज़ील, एंटीगुआ और बारबुडा और वेटिकन जैसे कम प्रसिद्ध देशों में भी भारतीय नागरिकता स्वीकार की जा रही है.
3.भारतीय अपनी नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
सरकार के अनुसार, इसके पीछे मुख्य कारण व्यक्तिगत सुविधा, विदेश में रोज़गार, स्थायी निवास या बेहतर जीवनशैली की चाहत है. भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है. इसलिए, अगर कोई दूसरे देश की नागरिकता लेता है, तो उसे अपनी भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है.
4.दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 और नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9 के तहत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है.
5.यहां तक कि अमीर लोग भी देश छोड़ रहे हैं.
TOI में छपी हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 3,500 भारतीय करोड़पति 2025 में विदेश में बसने की योजना बना रहे हैं. 2023 और 2024 में यह संख्या क्रमशः 5,100 और 4,300 थी. इसका मतलब है कि यह प्रवृत्ति धनी भारतीयों में भी अभी भी बनी हुई है, हालाँकि इसमें थोड़ी कमी आई है.
6.भारतीय नागरिकता का त्याग कैसे किया जाता है?
यदि कोई भारतीय अपनी नागरिकता त्यागना चाहता है, तो उसे indiancitizenshiponline.nic.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. उसके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज़ों का सत्यापन ज़िला कलेक्टर या भारतीय मिशन के वाणिज्य दूतावास अधिकारी द्वारा किया जाता है. संबंधित विभाग 30 दिनों के भीतर जवाब देता है. यदि कोई आपत्ति नहीं है, तो 30 दिनों के बाद नागरिकता निरस्तीकरण प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है.
7.क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?
एक ओर तो यह वैश्विक नागरिकता की ओर रुझान को दर्शाता है, लेकिन दूसरी ओर यह सवाल भी उठाता है कि भारत में इतने सारे लोग अवसरों से वंचित क्यों महसूस करते हैं?
सरकारों और नीति-निर्माताओं को अब यह समझने की ज़रूरत है कि लोगों को यहां क्यों रहना चाहिए? और वे विदेश में आखिर क्या चाहते हैं?
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