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भारत
हिसार के रहने वाले प्रवीण बरवाला पिचले 12 सालों से पंचकूला में रह रहे थे. उन्होंने अपने परिवार के 7 सदस्यों के साथ आत्महत्या कर ली. मामले में उनके परिजन ने बड़े खुलासा किया है.
हरियाणा के पंचकूला में से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक परिवार के 7 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली. प्रवीण मित्तल और उनके परिवार के सात सदस्यों ने सेक्टर-27 में एक कार में जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली. मृतकों में प्रवीण (42), उनकी पत्नी रीना, माता-पिता, और तीन बच्चे (दो बेटियां और एक बेटा) शामिल हैं. पुलिस ने पूछ ताछ की है, जिसके बाद उनके परिजनों ने कई बड़े खुलासे किए हैं. मूल रूप से हिसार में रहने वाले प्रवीण पिछले 12 सालों से पंचकूला में रह रहे थे. कुछ समय पहले हिमाचल प्रदेश में उनकी फैक्ट्री थी, जिसे बढ़ते कर्ज के कारण बैंक ने जब्त कर लिया था. आर्थिक दबाव का सामना करते हुए प्रवीण अचानक पंचकूला छोड़कर उत्तराखंड के देहरादून चले गए थे.
मामले में देहरादून पुलिस ने भी कहा है कि मृतक प्रवीण मित्तल देहरादून का रहने वाला नहीं था. उनका कहना है कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक उनका परिवार देहरादून में किराए के मकान में रहता था. मृतक प्रवीण मित्तल के परिचित गंभीर सिंह नेगी से पुलिस ने बातचीत की है जिसमें यह पता चला है कि मृतक प्रवीण मित्तल जीविका के लिए टैक्सी चलाते थे. पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें प्रवीण ने लिखा, 'मैं बैंक से दिवालिया हो चुका हूं . मेरी वजह से ये सब हुआ. मेरे ससुर को कुछ मत कहना.' उन्होंने अपने ममेरे भाई संदीप अग्रवाल से अंतिम संस्कार का अनुरोध किया. देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर मिली कार गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत थी.
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मृतक प्रवीण के मामा के बेटे संदीप अग्रवाल ने बताया कि मृतक मूल रूप से हिसार के बरवाला का रहने वाले थे. उसने बताया कि उनपर काफी कर्ज था. कर्ज नहीं देने के चलते उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिली थी. फिलहाल टैक्सी चला कर अपनी गुजर बसर कर रहे थे. कर्ज के चलते बैंक ने उनके दो फ्लैट एक फैक्ट्री और गाड़ियां पहले ही जब्त कर लिए थे.
चश्मदीद ने बताया, "हमारे पार्किंग एरिया में उत्तराखंड नंबर की कार खड़ी थी. मैंने कार चालक को कहीं ओर कार को पार्क करने के लिए कहा. मैंने देखा कि कार में लोग बेहोश थे और कार से बदबू आ रही थी. जब मैंने कार चालक से पूछा तो, वो कार ने नीचे उतर कर बैठ गया. उसने कहा कि मैंने बहुत कर्ज ले लिया है. पूरे परिवार ने जहर खा लिया है. इतना सुनते ही मैंने पुलिस को फोन किया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन एंबुलेंस 45 मिनट की देरी से आई. अगर एंबुलेंस वक्त पर आती तो शायद जान बच सकती थी."
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