शनिवार को खाएं ये 5 चीजें, खुश हो जाएंगे शनिदेव दूर करेंगे सभी कष्ट, मिलेगी तरक्की
Gold And Zodiac Sign: इन 4 राशियों के लिए अशुभ हैं सोने के गहनें, कहीं इस लिस्ट में आप भी तो नहीं?
Dark Lips Remedy: स्मोकिंग ही नहीं, शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी से भी हो जाते हैं होंठ काले
Tooth Pain: दांतों के दर्द को यूं ही न करें नजरअंदाज, पड़ सकते हैं लेने के देने, जानें कैसे?
भारत
रूसी महिला और उसकी दोनों बेटियों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. फिलहाल, उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें महिला स्वागत केंद्र में रखा गया है.
कर्नाटक के गोकर्ण स्थित रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र के घने जंगलों में बनी एक गुफा से 9 जुलाई को रूसी महिला और उसकी दो बेटियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. महिला की पहचान मोही (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जो लगभग 8 साल पहले भारत आई थीं, लेकिन उनका वीजा 2017 में ही समाप्त हो चुका था. पुलिस ने बताया कि वह गुफा जैसी खतरनाक जगह में रह रही थीं, जो भूस्खलन और जहरीले जानवरों के खतरे से भरा हुआ था.
मोही ने पूछताछ में बताया कि वह गोवा से आई हैं और जंगल में रहकर भगवान की पूजा और ध्यान करना चाहती थीं. उनके साथ उनकी दो बेटियां थीं. प्रेया (6 वर्ष 7 माह) और अमा (4 वर्ष). गोकर्ण पुलिस ने 9 जुलाई को शाम 5 बजे गश्त के दौरान गुफा को खोजा. खतरों से अवगत कराने के बाद महिला स्थान छोड़ने को तैयार हो गई.
पुलिस ने महिला और उसके बच्चों को सुरक्षित नीचे उतारकर, उनकी इच्छा अनुसार बंकिकोड्लू गांव के एक आश्रम में पहुंचाया. यह आश्रम योग रत्न सरस्वती स्वामीजी (80 वर्ष) द्वारा संचालित किया जाता है. मोही ने शुरुआत में पहचान बताने में संकोच किया, लेकिन बाद में पासपोर्ट और वीज़ा गुम होने की जानकारी दी. हालांकि, पुलिस को बाद में गुफा के आसपास तलाशी के दौरान दस्तावेज मिले, जिनसे पुष्टि हुई कि वीजा 17 अप्रैल 2017 को समाप्त हो चुका था.
कारवार पुलिस अधीक्षक ने बेंगलुरु स्थित FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) से संपर्क किया है. महिला और बेटियों को 14 जुलाई को कानूनी कार्रवाई के लिए एफआरआरओ में पेश किया जाएगा. तब तक उन्हें महिला स्वागत केंद्र में सुरक्षित रखा गया है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.