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भारत
Air India cabin crew written letter to PM Modi: एयर इंडिया विमान दुर्घटना: दो पूर्व केबिन क्रू सदस्यों ने कहा- हमने ड्रीमलाइनर की समस्याओं के बारे में चेतावनी दी थी, अब नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिख दिया गया है.
Two cabin crew claim they were warned in advance: एविएशन इंडस्ट्री एम्प्लॉइज गिल्ड ने 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 (Dreamliner Aircraft B787/7 Series) के हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों, कॉकपिट और केबिन क्रू के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. एक मीडिया चैनल से बात करते हुए एविएशन इंडस्ट्री एम्प्लॉइज गिल्ड के महासचिव जॉर्ज इब्राहिम ने कहा कि अगर एयर इंडिया में काम करने वाले क्रू मेंबर फ्लाइट में तकनीकी दिक्कतों की रिपोर्ट करते हैं तो वे इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है और हमारी उम्मीद है कि पत्र पर संज्ञान लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके.
जॉर्ज इब्राहिम ने आगे कहा कि हम यहां एक बात रिकॉर्ड पर रखना चाहते हैं कि यह दुर्घटना होने वाली थी, हमने पहले ही चेतावनी दे दी थी. हमने ड्रीमलाइनर बी787/8 सीरीज के विमानों से जुड़ी तकनीकी और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को एयर इंडिया लिमिटेड और नागरिक उड्डयन महानिदेशक के समक्ष बार-बार उठाया था. हालांकि, हमारे बयानों को नजरअंदाज कर दिया गया, हमारी आवाज दबा दी गई, हमें गंभीरता से नहीं लिया गया, इब्राहिम ने कहा.
14 मई 2024 को ड्रीमलाइनर (VT-ANQ) से जुड़ी एक गंभीर घटना के बारे में सच बोलने पर दो वरिष्ठ केबिन क्रू सदस्यों और एक अन्य पर झूठा आरोप लगाया गया और अंततः उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. पायलट और केबिन इंचार्ज ने शुरू में पुष्टि की कि मुंबई- लंदन फ्लाइट AI129 का दरवाजा मैनुअल मोड L4 में था, जिससे स्लाइड राफ्ट खुल गई. हमने यह तथ्य बताया था लेकिन हमारे वरिष्ठों ने हम पर अपना बयान बदलने का दबाव बनाया और जब उन दोनों ने इनकार कर दिया, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.
इस घटना के कई गवाह थे, जिनमें कैप्टन भी शामिल थे. लेकिन, उनका बयान जानबूझकर दर्ज नहीं किया गया. इससे साफ पता चलता है कि तकनीकी कमियों को छिपाने की कोशिश की गई. अगर समय रहते इन खामियों को दूर कर लिया गया होता तो 12 जून की यह दुर्घटना नहीं होती.
इसके बाद डीजीसीए से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. हालांकि, चौंकाने वाली बात यह है कि पूरी जांच के बजाय इस गंभीर मामले में अनौपचारिक चर्चा का वादा किया गया. हमने अपने खर्च पर 6 सितंबर, 2024 को डीजीसीए के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए थे. हालांकि, 9 महीने बाद भी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है, ऐसा क्रू मेंबर्स की ओर से कहा गया.
उन्होंने कहा कि सवाल उठता है कि क्या डीजीसीए पर भरोसा करना सही था. हमारा इरादा किसी की छवि खराब करने का नहीं था, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता को प्राथमिकता देना था. हमने करीब 20 साल तक ईमानदारी और समर्पण के साथ एयर इंडिया की सेवा की है. हमने इस पत्र के साथ सभी दस्तावेज संलग्न किए हैं. जिसमें ड्रीमलाइनर विमान की पिछली घटनाओं की जानकारी है. चालक दल के सदस्यों ने कहा कि हमारी आखिरी उम्मीद यही है कि न्याय हो और सुरक्षा के मुद्दों को गंभीरता से लिया जाए.
फिलहाल यह मामला केंद्रीय सतर्कता आयोग के समक्ष है. इस मामले का केस नंबर 65682/2024 दिनांक 22/07/2024 है. एयर इंडिया के दो क्रू मेंबर में से एक ने 5 साल तक वीवीआईपी फ्लाइट्स में अपनी सेवाएं दी हैं. 100 से ज्यादा वीवीआईपी सेवाएं दी हैं. इनमें से एक क्रू मेंबर को एयर इंडिया का सबसे बेहतरीन क्रू मेंबर कहा गया.
इस बीच, दोनों क्रू मेंबर डर के मारे कैमरे के सामने नहीं आए हैं. वे नौकरी न होने की समस्या से जूझ रहे हैं. क्रू मेंबर में से एक की पत्नी ने काम करना शुरू कर दिया है और घर का खर्च चलाना शुरू कर दिया है.
इस बीच इस मामले में एयर इंडिया का पक्ष जानने की कोशिश की गई है, लेकिन अभी तक उनका पक्ष पता नहीं चल पाया है. पता चलने पर उसे इस स्टोरी में पेश किया जाएगा.
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