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भारत
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में विधानसभा के चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच की तल्खी लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है. ऐसे में INDIA ब्लॉक के अस्तित्व और भविष्य को लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. आइए मौजूदा स्थिति को विस्तार से समझते हैं.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के विधानसभा के चुनाव को लेकर सभी दलों की ओर से जोरशोर से तैयारियां की जा रही है. सभी बड़े नेता रौलियां और जनसभाएं कर रहे हैं. वादों और दावों का दौर अपने चरम पर जा पहुंचा है. इसबार कई अहम सीटों पर आप पार्टी और बीजेपी के बीच मुकाबले की टक्कर देखने को मिल रही है. वहीं कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है. इसी बीच इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि आप और कांग्रेस के नेताओं के बीच जिस तरह से जुबानी जंग दिखाई पड़ रही है, ऐसे में क्या इंडिया ब्लॉक का वजूद प्रभावित होगा? हालांकि जानकारों के मुताबिक दोनों दलों के बीच टकराव की स्थित दिल्ली चुनाव तक तो रहेगी, लेकिन उसके बाद हालात बदल सकते हैं, और कई मुद्दों और चुनाव में दोनों पार्टी भविष्य में साथ आ सकती है.
इंडिया ब्लॉक के नेतृत्व पर सवाल
इंडिया ब्लॉक के भविष्य को लेकर उसके कई बड़े घटक दलों की ओर से सवाल उठाए गए हैं. साथ ही इस गठबंधन को लेकर कांग्रस की ओर से की जा रही अगुवाई पर भी प्रश्न किया गया है. आपको बताते चलें कि जम्मू और कश्मीर के सीएम और एनसी के नेता उमर अब्दुल्ला की ओर से भी इसको लेकर सवाल किए गए हैं. साथ ही उन्होंने इसको समाप्त करने की ही बात कह डाली है. वहीं आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि अलायंस महज लोकसभा चुनाव 2024 के लिए ही बना थी. आप नेता अरविंद केजरीवाल पहले ही इसके ऊपर सवाल उठा चुके हैं. वहीं एक बड़ी विपक्षी पार्टी टीएमसी की नेता ममता बनर्जी की ओर से भी इस गठबंधन को लेकर मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व को कटघरे में खड़ा किया गया था.
इस गठबंधन का सियासी भविष्य
ऐसे में इस गठबंधन के वर्तमान नेतृत्व के ऊपर दबाव बनना लाजमी है. सबसे बड़ा सवाल है कि वर्तमान नेतृत्व इस असहमति और असंतोष को कैसे हल करेगा. हलांकि जानकार कह रहे हैं कि कई विपक्षी पार्टियों और इसके घटक दलों की भी मजबूरी है कि वो इस गठबंधन से बाहर नहीं जा सकते हैं. जानकारों के मुताबिक दिल्ली में भले ही आप और कांग्रेस की राहें अलग-अलग हैं, लेकिन आने वाले समय में बिहार व दूसरे राज्यों के चुनाव और आगामी लोकसभा के चुनाव के दौरान ये पार्टियां फिर से एकसाथ आ सकती हैं.
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