Twitter
Advertisement

अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने जारी किया 'लुकआउट' नोटिस, पूछताछ के लिए समन जारी

US Tariffs Counterattack: ट्रंप के टैरिफ बम पर मोदी का पलटवार, भारत ने यूएस के साथ हुई बड़ी डील रद्द की

Diabetes Control: डायबिटीज है तो भूलकर भी न करें इन चीजों का सेवन, वरना तेजी से बढ़ेगा ब्लड शुगर, देखें लिस्ट

नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद शाहरूख खान का आया पहला रिएक्शन! SRK ने वीडियो जारी कर जताया आभार

Black And Thick Hair Remedy: बालों को बनाना है काला और घना? अपनाकर देखें दादी-नानी के जमाने के ये नुस्खे 

Sprouted Vegetables: फूड पॉइज़निंग का खतरा बढ़ाती हैं ये 3 अंकुरित सब्जियां, भूलकर भी न खाएं

Viral News: मुंबई से कोलकाता जा रही इंडिगो फ्लाइट में हाई वोल्टेज ड्रामा, यात्री ने दूसरे पैसेंजर को जड़ा थप्पड़

Tingling In Hands And Feet: बैठे-बैठे हाथ पैर में होती है झुनझुनी, कहीं आपमें तो नहीं इस विटामिन की कमी

Bihar Voter List 2025: बिहार में वोटर लिस्ट से 65 लाख से भी ज्यादा नाम हटे, इस जिले में सबसे ज्यादा कटौती

Rashifal 02 August 2025: कर्क और धनु वालों के व्यवसाय में होगी बढ़ोतरी, जानें आज मेष से मीन तक की राशियों का भाग्यफल

प्रेमानंद जी महाराज के वो शिष्य जो कभी थे आर्मी ऑफिसर, अब राधा रानी की भक्ति में रहते हैं लीन

मिलिए प्रेमानंद जी महाराज के उस समर्पित शिष्य से जो कभी थे आर्मी ऑफिसर, जानें कैसे चुना अध्यात्म का रास्ता

Latest News
प्रेमानंद जी महाराज के वो शिष्य जो कभी थे आर्मी ऑफिसर, अब राधा रानी की भक्ति में रहते हैं लीन

Naval Nagri Baba

वृंदावन के प्रेमानंद महाराज एक पूजनीय संत हैं जिनकी शिक्षाओं ने कई लोगों को भक्ति और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है. उनके समर्पित शिष्यों में से एक बाबा नवल नागरी भी हैं. बाबा नवल नागरी आर्मी ऑफिसर रह चुके हैं लेकिन आध्यात्मिक राह चुनने के लिए अपने आर्मी करियर को छोड़ दिया. अपने गुरु के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए जाने जाने वाले बाबा नवल नागरी साए की तरह प्रेमानंद महाराज के साथ ही रहते हैं और राधा केलीकुंज आश्रम की व्यवस्था संभालते हैं.

यह भी पढ़ें- वो IAS-IPS कपल जिन्होंने वैलेंटाइन डे के दिन रचाई थी शादी, देखें रोमांटिक फोटोज

पंजाब से ताल्लुक रखते हैं बाबा नवल नागरी
मूल रूप से पंजाब के पठानकोट के रहने वाले नवल नागरी का असली नाम अभी भी रहस्य बना हुआ है. उनके पिता सेना में सेवारत थे और उनके नक्शेकदम पर चलते हुए नवल नागरी भी सेना में शामिल हो गए. 2008 से 2017 तक उन्होंने सेना में अपनी सेवाएं दीं. करियर के आखिरी साल में वह कारगिल में पोस्टेड थे. 

यह भी पढ़ें- Zomato में मोटी सैलरी वाली नौकरी पाने का मौका, '2 दिमाग' वाले फटाफट करें अप्लाई

कारगिल में पोस्टेड थे बाबा
2016 में सेवा में रहते हुए बाबा नवल नागरी ने वृंदावन का दौरा किया और प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों में शामिल हुए. प्रेमानंद जी महाराज की आध्यात्मिक शिक्षाओं ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया और वापस जाने की उनकी इच्छा ही खत्म हो गई. उन्होंने महाराज के शब्दों में शांति और अपने जीवन का उद्देश्य पाया. इस अनुभव ने उन्हें जीवन बदलने वाला फैसला लेने के लिए प्रेरित किया. 2017 में उन्होंने अपनी सेना की नौकरी छोड़ दी और संतत्व के मार्ग पर आगे बढ़ निकले. उन्होंने खुद को पूरी तरह से अपने गुरु और आध्यात्मिक जीवन के लिए समर्पित कर दिया.

यह भी पढ़ें- मिलिए उस महिला IAS से जो 5 बार UPSC में हुईं फेल, आखिरी अटेम्प्ट में बाजी मार लाईं इतनी रैंक

उनके परिवार ने उन्हें वापस लौटने के लिए काफी अनुरोध किया लेकिन बाबा नवल नागरी अपने फैसले पर अडिग रहे. आज वे प्रेमानंद जी महाराज के सबसे समर्पित शिष्यों में से एक हैं औरआध्यात्मिक समुदाय में योगदान दे रहे हैं. उनका सैन्य सेवा से आध्यात्मिकता और भक्ति के जीवन की यात्रा दूसरों को  भी प्रेरित कर रही है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें  हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement