एजुकेशन
जया पाण्डेय | Jul 16, 2025, 12:21 PM IST
1.ये हैं दुनिया के टॉप 5 मेट्रो नेटवर्क सिस्टम
दुनिया के सभी मेट्रो नेटवर्क सिर्फ परिवहन के साधन से बढ़कर कहीं ज्यादा हैं. ये उस शहर की लाइफलाइन होते हैं. आज हम आपको आकार, दूरी और स्टेशनों की संख्या के आधार पर दुनिया के टॉप 5 मेट्रो नेटवर्क के बारे में बताएंगे और साथ में यह भी बताएंगे कि भारत का दिल्ली मेट्रो इस लिस्ट में कहां टिकता है...
2.चीन का शंघाई मेट्रो
शंघाई मेट्रो दुनिया का सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क है. यह 831 किलोमीटर तक फैला है. इसका 20 लाइनों और 508 स्टेशनों तक विस्तार है. साल 1993 में इसका संचालन शुरू हुआ था और यह चीन के सबसे बड़े शहरों में से एक में एक अहम मेट्रो सिस्टम के रूप में काम करता है और लाखों यात्रियों के लिए लाइफलाइन है.
3.चीन का बीजिंग सबवे
बीजिंग सबवे में 27 लाइनें हैं जिनमें 22 रैपिड ट्रांजिट रूट शामिल हैं. यह 490 स्टेशनों को कवर करता है. यह चीनी की राजधानी के सार्वजनिक परिवहन में एक अहम भूमिका निभाता है. यह तेज़, सुविधाजनक और किफ़ायती सेवा प्रदान करता है. बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका व्यापक नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है.
4.यूके का लंदन अंडरग्राउंड
यूके का लंदन अंडरग्राउंड मेट्रो दुनिया का सबसे पुराना मेट्रो सिस्टम है. इसे ट्यूब के नाम से जाना जाता है और इसका उद्घाटन साल 1863 में हुआ था. इस मेट्रो सिस्टम में 11 लाइनें हैं जो 402 किलोमीटर तक फैली हैं और ये 272 स्टेशनों को जोड़ती हैं. यह लाखों यात्रियों के आवागमन का विकल्प है.
5.चीन का गुआंगज़ौ मेट्रो
चीन का गुआंगज़ौ मेट्रो तेजी से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है. साल 1998 में इसे शुरू किया गया था. यह 16 लाइनों और 302 स्टेशनों के साथ 621.05 किलोमीटर तक फैला है. यह चीन के सबसे व्यस्त और तेजी से विकसित हो रहे शहर के यात्रियों के रोजाना आवाजाही में अहम भूमिका निभाता है.
6.यूएसए की न्यूयॉर्क सिटी सबवे
न्यूयॉर्क सिटी सबवे दुनिया की पांचवां सबसे बड़ा मेट्रो सिस्टम है. इसकी शुरुआत साल 1904 में हुई थी. यह 399 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर चलती है और कई नगरों को जोड़ती है. यह अपनी 24/7 सेवा के लिए जाना जाता है और न्यूयॉर्क का सांस्कृतिक प्रतीक और परिवहन की धड़कन है.
7.भारत का दिल्ली मेट्रो
भारत का दिल्ली मेट्रो दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क में छठे नंबर पर आता है. यह देश की राजधानी में एक आधुनिक ट्रैवलिंग सिस्टम है. 12 लाइनों, 288 स्टेशनों और 393 किलोमीटर लंबे नेटवर्क के साथ इसने दिल्ली और आसपास के शहरों में शहरी आवागमन को पूरी तरह बदल दिया है और अपनी शुरुआत से ही यात्रा का एक विश्वसनीय, स्वच्छ और किफ़ायती साधन प्रदान किया है.