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डीएनए एक्सप्लेनर
कुलदीप पंवार | May 16, 2025, 10:49 PM IST
1.पाकिस्तान के खिलाफ दागी गई 15 ब्रह्मोस मिसाइल
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत 9 और 10 मई की दरम्यानी रात को पाकिस्तान एयरफोर्स के 12 में से 11 एयरबेस तबाह किए थे. इन एयरबेस को तबाह करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) दागी गई थीं, जिन्हें डिटेक्ट करने में पाकिस्तानी सेना का चीनी एयर डिफेंस सिस्टम नाकाम रहा था. भोलारी एयरबेस पर तो पाकिस्तान का एयर बोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) भी तबाह हो जाने का दावा किया जा रहा है, जिसकी पुष्टि खुद पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अफसरों ने की है. ब्रह्मोस के इस घातक प्रदर्शन के बाद 17 देशों ने इस भारतीय मिसाइल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.
2.'मिसाइलैन' एपीजे अब्दुल कलाम की देन है ब्रह्मोस
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का 'मिसाइलमैन' भी कहा जाता है. भारत के रॉकेट प्रोग्राम को ऊंचाई तक पहुंचाने वाले अब्दुल कलाम ने ही ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) की भी नींव रखी थी. यह मिसाइल भारत और रूस का जॉइंट वेंचर है, जिसे तैयार करने के समझौते पर 12 फरवरी, 1998 को DRDO के तत्कालीन चीफ के तौर पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और रूस के तत्कालीन उप रक्षा मंत्री एनवी मिखाइलोव ने हस्ताक्षर किए थे. ब्रह्मोस डॉट काम के मुताबिक, इसके बाद मिसाइल डेवलप करने के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस कंपनी का गठन किया गया, जो इस मिसाइल का उत्पादन करती है. मौजूदा समय के करीब 2,135 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ स्थापित ब्रह्मोस एयरोस्पेस में 50.5% हिस्सेदारी भारत की है, जबकि बाकी शेयर रूस के पास है.
3.कहां से मिला ब्रह्मोस को यह नाम
ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) का यह नाम भी भारत और रूस के जॉइंट वेंचर का प्रतीक है. भारत की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नाम को जोड़कर इसका नाम रखा गया है. गति और सटीकता इस मिसाइल की पहचान है, जो 'दागो और भूल जाओ' सिद्धांत पर काम करती है यानी आपने इसे फायर किया है तो यह टारगेट को जरूर हिट करगी.
4.किस तरह की मिसाइल है ब्रह्मोस
ब्रह्मोस किस तरह की मिसाइल है? यह सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है. इस मिसाइल को पनडुब्बी, शिप, फाइटर जेट या जमीन कहीं से भी दागा जा सकता है. इस मिसाइल की स्पीड इसे बेहद मारक बनाती है और यह दुश्मन के रडार को भी इसी कारण चकमा देकर टारगेट हिट करती है.
5.कब मिली भारतीय सेना को पहली ब्रह्मोस
ब्रह्मोस मिसाइल का पहला टेस्ट 12 जून, 2001 को हुआ था. इसके बाद साल 2005 में सबसे पहले यह भारतीय नेवी (Indian Navy) को सौंपी गई थी, जिसने इसे INS Rajpoot पर तैनात किया था. साल 2007 में भारतीय सेना (Indian Army) को पहली ब्रह्मोस मिसाइल मिली, जबकि इसके बाद यह भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के रूस निर्मित सुखोई 30MKI फाइटर जेट का हिस्सा बनी. इस तरह यह जमीन, पानी और हवा, तीनों जगह से फायर होने वाली मिसाइल बन गई है.
6.ब्रह्मोस मिसाइल के फीचर्स क्या है
7.ब्रह्मोस की 5 खासियत, जो उसे बनाती हैं बेहद खतरनाक
8.इस किस्से से समझिए कितनी खतरनाक है ब्रह्मोस
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक रवि गुप्ता बताते हैं कि साल 2005 में ब्रह्मोस की टेस्टिंग के दौरान इसकी गति से सामने वाले टारगेट को होने वाले नुकसान का आकलन किया गया. इसे बिना वॉरहेड के उड़ाते हुए एक पुराने जहाज से टकराया गया. यह मिसाइल पानी की सतह के करीब उड़ते हुए जहाज को चीरकर आरपार हो गई. इससे जहाज के दो टुकड़े हो गए और वह कुछ ही मिनटों में डूब गया. इसका मतलब है कि यदि कभी ब्रह्मोस का वॉरहेड भी फेल हो जाए तो भी यह मिसाइल टारगेट का बेहद नुकसान करेगी.
9.ब्रह्मोस के कितने वैरियंट हैं?