Twitter
Advertisement

Congress MP Chain Snatching: दिल्ली में बेखौफ़ हुए अपराधी, हाई सिक्योरिटी इलाके में कांग्रेस सांसद R. Sudha के साथ चेन स्नैचिंग हो गई

वो IITian जिसने उड़ाई ChatGPT की नींद, AI में दिलचस्पी ने पहुंचाया विदेश, जानें अरविंद श्रीनिवास की कहानी

Numerology: 'बादशाह' जैसी जिंदगी जीते हैं इन 3 तारीखों में जन्मे लोग! अपने स्वाभिमान से कभी नहीं करते समझौता

आपको कैसे पता चीन ने जमीन हड़प ली? सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार, फिर दी बड़ी राहत

Good Habits: 'आज 21वां दिन है, जब मैंने सिगरेट छोड़ दी...' पंचायत के 'दामाद जी' ने बताया कैसे 21 दिन के फार्मूले से बदली जिंदगी

ये 6 ताने बच्चों का तोड़ देते हैं मनोबल, बन जाते हैं बागी या मेंटली हो जाते हैं डिस्टर्ब

भारत के सरकारी बैंकों में किसका स्टाफ है सबसे भारी? ये रही टॉप 5 Employer Banks की लिस्ट

बॉस से ज्यादा स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना देंगी ये आदतें, ऑफिस में कायम होगी आपकी बादशाहत 

झारखंड के पूर्व CM और पूर्व केंद्रीय मंत्री Shibu Soren का निधन, किडनी संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में थे भर्ती

'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' लड़का जो कभी करता था वेटर का काम, अब इस पद पर हुआ 'सुपरकॉप' दया नायक का प्रमोशन

महिला CM, महिला सचिव, महिला नेता प्रतिपक्ष, दिल्ली का 'म' फैक्टर, महिला शक्ति का महाकमाल!

दिल्ली की राजनीति में इस बार महिला शक्ति का बोलबाला दिखा है. ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री भी महिला, मुख्यमंत्री का सचिव भी महिला और नेता विपक्ष भी महिला. समझें दिल्ली की राजनीति के इस 'एम' फैक्टर को.

Latest News
महिला CM, महिला सचिव, महिला नेता प्रतिपक्ष, दिल्ली का 'म' फैक्टर, महिला शक्ति का महाकमाल!

Women Empowerment in Politics: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) नजदीक है और इस बार दिल्ली की राजनीति में एक अनोखा संयोग देखने को मिल रहा है. दिल्ली में सत्ता और प्रशासन के तीन प्रमुख पदों पर महिलाएं काबिज हैं. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष आतिशी, और मुख्यमंत्री की सचिव आईएएस मधु रानी तेवतिया. यह न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है बल्कि देशभर की राजनीति के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है. ऐसे में कहा जा सकात है कि 'दिलवालियों' का राज, दिल्ली का ताज साबित होगा. 

महिला नेतृत्व की नई परिभाषा
यह पहली बार है जब किसी राज्य में सत्ता के शीर्ष तीन पदों पर महिलाएं नेतृत्व कर रही हैं. यह स्थिति 'महिला नेतृत्व मॉडल' के रूप में देखी जा सकती है, जहां प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर महिलाओं की निर्णायक भूमिका है. मुख्यमंत्री के तौर रेखा गुप्ता, दिल्ली में पहली नेता प्रतिपक्ष आतिशी और शिक्षा और विकास की नीति बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली युवा महिला नेता साबित होंगी. वहीं, मुख्यमंत्री की सचिव मधु रानी तेवतिया, प्रशासनिक स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाली आईएएस अधिकारी साबित होंगी. 

राजनीति में महिलाओं का बढ़ता दबदबा
भारत में राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो पहले लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या पहली लोकसभा में 5 प्रतिशत से बढ़कर 17वीं लोकसभा में 15 प्रतिशत हो गई. वर्तमान में भारत में ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), और आनंदीबेन पटेल (गवर्नर, यूपी) जैसी नेता अहम भूमिका निभा रही हैं. भारत में 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जिससे 14 लाख से अधिक महिला प्रतिनिधि स्थानीय सरकारों में हैं. हालांकि, वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो भारत अभी भी बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है. पर भारत में महिलाओं को राजनीति में लाकर एक मजबूत लोकतंत्र बनाने की कोशिश की जा रही है. 

दिल्ली का यह नेतृत्व मॉडल देश के लिए कैसे प्रेरणास्रोत बन सकता है?
दिल्ली की महिला नेतृत्व वाली सरकार भारत के अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रेरित कर सकती है:

  • महिलाओं को अधिक राजनीतिक अवसर मिलेंगे : जब महिलाएं सत्ता में होंगी, तो वे अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ाने के लिए नीतियां बनाएंगी.
  • महिला सुरक्षा और कल्याण पर अधिक ध्यान : महिला मुख्यमंत्री, महिला विपक्षी नेता और महिला प्रशासक मिलकर महिलाओं के लिए बेहतर नीतियां बना सकती हैं.
  • नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल:  युवा लड़कियों के लिए यह एक उदाहरण होगा कि वे भी राजनीति और प्रशासन में शीर्ष पदों तक पहुंच सकती हैं.
  • अन्य राज्यों को मिलेगा प्रोत्साहन: अन्य राज्यों में भी इस तरह के नेतृत्व को बढ़ावा देने की जरूरत महसूस होगी.

अन्य राज्यों में महिलाओं का दमखम
दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्यों में भी महिलाओं का प्रभाव बढ़ा है:

  • पश्चिम बंगाल : ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं.
  • तमिलनाडु : जयललिता के समय महिला कल्याणकारी नीतियों को काफी प्राथमिकता दी गई.
  • राजस्थान : वसुंधरा राजे ने दो बार मुख्यमंत्री रहकर राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया.

यह भी पढ़ें - दिल्ली में CM रेखा गुप्ता, नेता विपक्ष आतिशी : क्या यह नया राजनीतिक दौर? महिलाओं के कमान संभालने से क्या बदलेगा?


 

दिल्ली में महिलाओं के नेतृत्व में चल रही सरकार केवल एक संयोग नहीं, बल्कि एक नई सोच और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश की राजनीति में महिलाओं के बढ़ते दबदबे का संकेत है. इस तरह के नेतृत्व मॉडल को अन्य राज्यों और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनाने की जरूरत है, ताकि महिलाओं को शासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में समान अवसर मिलें.

 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement