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Uttarkashi Tunnel Collapse: पांच दिन और लगेंगे अभी मजदूरों को निकालने में, पीएमओ ने दिया अपडेट, 5 पॉइंट्स में जानिए कारण

Uttarakhand Tunnel Rescue Updates: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग के अंदर मलबा गिरने से मजदूरों को फंसे हुए 7 दिन हो चुके हैं. उनके परिजन भी अब हताश होने लगे हैं. 

Uttarkashi Tunnel Collapse: पांच दिन और लगेंगे अभी मजदूरों को निकालने में, पीएमओ ने दिया अपडेट, 5 पॉइंट्स में जानिए कारण

Uttarakhand Tunnel Accident

डीएनए हिंदी: Uttarkashi Tunnel Rescue Latest Updates- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग हादसे को 7 दिन हो गए हैं. अब तक सुरंग के अंदर मलबे के कारण बंद हो गए 41 मजदूरों तक पहुंचना संभव नहीं हो पाया है. सुरंग के अंदर जितनी उम्मीद थी, उतनी तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना संभव नहीं हो पा रहा है. इसका कारण अब रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीधी नजर रख रहे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने स्पष्ट किया है. PMO की तरफ से पीएम मोदी के पूर्व एडवाइजर भास्कर खुलबे (Bhaskar Khulbe) इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं. उन्होंने शनिवार को स्पष्ट कहा है कि अभी मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 4 से 5 दिन का समय और लगेगा. उन्होंने इसका कारण भी बताया है. हालांकि उन्होंने एक बार फिर यह कहा है कि सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा.

आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं ऑपरेशन में तेजी नहीं आने का कारण और क्यों लगने वाला है समय.

1. सुरंग की मजबूती ही आ रही आड़े

भास्कर खुलबे के मुताबिक, सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel Rescue) को मजबूत बनाने के लिए इसमें हैवी स्टील का जमकर इस्तेमाल किया गया है. इस हैवी कंक्रीट की दीवार को काटने के लिए मशीनों को ले जाने लायक जगह मौजूद नहीं हैं. इसके चलते मलबा काटने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है. ऑगर मशीन से मलबा काटकर पाइप डाले जा रहे हैं ताकि उनके जरिये मजदूरों को बाहर लाया जा सके.

2. क्या निकाला जा रहा है इसका रास्ता

हैवी स्टील के कारण रेस्क्यू में बाधा बन रही सुरंग की मजबूती से निपटने का भी रास्ता तलाश लिया गया है. खुलबे के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने सुरंग में वे एरिया चिह्नित किए हैं, जहां स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इन एरिया में ड्रिलिंग करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. यहां ड्रिलिंग में सफलता मिली तो मजदूरों तक जल्द पहुंचा जा सकेगा.

3. एक-दो नहीं एकसाथ 5 रेस्क्यू प्लान पर काम

खुलबे ने बताया कि मजदूरों को निकालने के लिए सभी बेकरार हैं. किसी भी प्लान की सफलता मजदूरों के बाहर निकल आने से ही तय होगी. इसी कारण शनिवार को मैंने विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों से बैठक कर उनसे एक्सपर्ट राय और रेस्क्यू प्लान मांगे थे. यह बैठक एक से ज्यादा एक्सपर्ट ओपिनियन पाने के लिए की गई थी. सभी लोग इस बात पर सहमत हैं कि एक के बजाय एकसाथ कई रेस्क्यू प्लान चलाए जाएं ताकि एक फेल हो जाए तो दूसरे प्लान के जरिये सफलता के आसार बन रहें. इसे देखते हुए 5 रेस्क्यू प्लान तैयार किए गए हैं, जिन पर एकसाथ काम होगा.

4. कितने दिन में निकाल सकते हैं मजदूर

खुलबे ने बताया कि ड्रिलिंग के कारण मलबा गिरने के चलते फिलहाल सुरंग में ड्रिलिंग बंद कर दी गई है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों की जान खतरे में ना आए, इसके लिए काम रोका गया है. अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जो प्लान बनाए जा रहे हैं, उनसे अभी इनके बाहर आने में 4-5 दिन का समय और लग सकता है.

5. कितने सुरक्षित हैं अंदर फंसे मजदूर

सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में से एक-दो की बाहर अपने परिजनों से बातचीत हुई है. उन्होंने अभी सब लोगों के अच्छा होने की बात बताई है. सुरंग के अंदर जहां मजदूर फंसे हैं, वहां जगह की कमी नहीं है. आसानी से टहलने लायक लंबी चौड़ी जगह है. मजदूरों के पास लाइट के भी इंतजाम हैं. संकट ऑक्सीजन और पानी का है. मजदूरों तक पाइपों के जरिये ये चीजें पहुंचाई जा रही हैं, लेकिन सुरंग में अब भी जिस तरह मलबा गिर रहा है, उससे यह सप्लाई ठप होने का डर लगातार बना हुआ है.

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