धर्म
Mithun Sankranti 2022 के दिन भगवान सूर्य की विधिवत पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.
डीएनए हिंदी: हिन्दू धर्म में संक्रांति पर्व को महत्वपूर्ण माना गया है. कल यानि 15 जून 2022, बुधवार को मिथुन संक्रांति (Mithun Sankranti 2022) पर्व मनाई जाएगी. बता दें कि साल में 12 संक्रांति पर्व मनाए जाते हैं. इन सभी में सूर्य अलग-अलग राशि और नक्षत्र में वास करते हैं. मिथुन संक्रांति के दिन सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन भगवान सूर्य की विधिवत पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि मिथुन संक्रांति के दिन से ही वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है. यह दिन किसानों के लिए खास माना जाता है, वे इस दिन भगवान से अच्छी बारिश और अच्छे फसल की कामना करते हैं.
मिथुन संक्रांति 2022 तिथि: 15 जून 2022, बुधवार
मिथुन संक्रांति 2022 पुण्यकाल: 15 जून दोपहर 12:18 पर आरंभ
पुण्यकाल समापन: 15 जून शाम 07:20 बजे तक
मिथुन संक्रांति 2022 महापुण्य काल: 15 जून दोपहर 12:18 से दोपहर 02:38 तक
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भारत के उड़ीसा राज्य में इस मिथुन संक्रांति को त्योहार के रूप में मनाया जाता है. यहां इसे राजा परबा के रूप में जाना जाता है. इस दिन भू देवी की विधिवत पूजा की जाती है. चार दिन चलने वाले इस पर्व का उड़ीसा में बहुट महत्व है.
मिथुन संक्रांति 2022 के तीन दिनों तक सिलबट्टे का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. वह इसलिए क्योंकि मान्यता है कि इसमें धरती मां वास करती हैं. चौथे दिन जल और दूध से स्नान कराया जाता है और फिर चंदन, सिंदूर और फूल से सिलबट्टे की पूजा की जाती है. मान्यता यह भी है कि इस गेहूं, गुड़, घी, अनाज आदि का दान करना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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