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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में शादी-विवाह को लेकर हो रहे फ्रॉड को रोकने के लिए एक खास तैयारी की गई है. इसमें दूल्हा-दुल्हन की फेरों से पहले बायोमीट्रिक अटेंडेंस ली जाएगी.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फ्रॉड के मामले लगातार पकड़े जा रहे हैं. कई बार महज सरकारी अनुदान हड़पने के लिए नकली दूल्हा-दुल्हन पेश करने के मामले भी पकड़ में आ चुके हैं. लेकिन अब ऐसा करने पर जेल की हवा खानी होगी दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार अब कुछ ऐसा करने जा रही है, जिससे घर बैठे कागजों में शादी करके अनुदान हड़पना बेहद भारी पड़ेगा. अब ऐसी योजना के तहत होने वाली शादी में पहले दूल्हा-दुल्हन की बायोमीट्रिक अटेंडेंस ली जाएगी यानी उनका आधार वेरीफिकेशन होने के बाद ही सात फेरे लिए जाएंगे. इससे दूल्हा या दुल्हन में से किसी के भी नाम पहले से इस योजना के तहत अनुदान जारी हुआ होगा तो तत्काल पकड़ में आ जाएगा. इससे दूल्हा-दुल्हन के असली होने का सत्यापन भी हो जाएगा. इतना ही नहीं अब ऐसे आयोजनों में जिले के मुखिया यानी जिलाधिकारी को खुद उपस्थित रहना होगा.
आधार वेरीफिकेशन से विवाह स्थल पर मौजूदगी होगी सत्यापित
सामूहिक विवाह योजना में दूल्हा और दुल्हन की बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था उनकी आयोजन स्थल पर मौजूदगी की पुष्टि के लिए की जा रही है. इससे घर बैठे कागजों में शादी करके अनुदान लेने के फ्रॉड पर अंकुश लगेगा और शादी की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी हो जाएगी. सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आधार वेरीफिकेशन प्रोसेस पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिविहीन हो ताकि केवल लाभार्थी ही इस योजना का लाभ उठा सकें.
वेरीफिकेशन में हुई कोई गलती तो जिम्मेदार होंगे अधिकारी
राज्य सरकार ने सामूहिक विवाह योजना स्थल पर जिला समाज कल्याण अधिकारी की मौजूदगी भी अनिवार्य कर दी है. दूल्हा-दुल्हन के आधार वेरीफिकेशन की पूरी जवाबदेही इन अधिकारियों की होगी, जिसमें गड़बड़ पाए जाने पर इनके ऊपर ही कार्रवाई होगी. आयोजन में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर इन अधिकारियों को सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट देनी होगी. सामूहिक विवाह में 100 से ज्यादा जोड़ों के शामिल होने की स्थिति में जिलाधिकारी को भी वहां खुद उपस्थित रहना होगा. जिलाधिकारी के उपस्थित रहने की अनिवार्यता यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विवाह के लिए मौजूद सभी जोड़े असली हैं और लाभार्थी मानदंडों को पूरा करते हैं.
अब 51 हजार नहीं 1 लाख रुपये मिलेगा अनुदान
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister mass Marriage Scheme) के तहत मिलने वाले अनुदान को भी बढ़ा दिया गया है. अब इस योजना के तहत शादी करने वाले जोड़े को 51 हजार रुपये के बजाय 1 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा. इसमें से 60 हजार रुपये दुल्हन के बैंक खाते में भेजे जाएंगे, जबकि 25 हजार रुपये से नवविवाहित दंपती को तोहफे दिए जाएंगे. बाकी 15 हजार रुपये वैवाहिक समारोह में खर्च किए जाएंगे. साथ ही विवाह योजना की पात्रता भी 2 लाख रुपये सालाना आय से बढ़ाकर 3 लाख रुपये सालाना आय तक कर दी गई है. ये सब फैसले सीएम योगी ने इसी साल अप्रैल में लिए थे.
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