भारत
सावन माह में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष एहतियात बरती है. इस वर्ष किसी भी कांवड़ यात्री को लाठी या त्रिशूल लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी, साथ ही बिना साइलेंट वाले दोपहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा.
श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ी सतर्कता बरती है. हिंदुओं के लिए अत्यंत पूजनीय इस बड़े आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है. मेरठ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी कांवड़ यात्री को लाठी या त्रिशूल लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी. इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
पिछले कुछ सालों में यात्रा के दौरान कई बार माहौल बिगड़ा है. कभी डीजे पर तेज़ आवाज़ में संगीत बजाने की घटनाएँ होती हैं, तो कभी सड़कों पर अराजकता की घटनाएँ, जिससे आम लोगों को असुविधा हो रही है. प्रशासन अब ऐसे कारकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो यात्रा को शक्ति प्रदर्शन में बदल दें. हाल ही में कुछ जगहों पर कावड़ियों द्वारा सड़कों पर अराजकता फैलाने की खबरें आईं. इससे यातायात प्रभावित हुआ और स्थानीय निवासियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा. यही वजह है कि प्रशासन ने इस बार तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
इस समय सड़कों पर आवाजाही पर नज़र रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. सड़क पर आवाजाही पर नज़र रखने के लिए हर संवेदनशील जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. तेज़ आवाज़ में डीजे बजाने और साइलेंसर हटाकर दोपहिया वाहन चलाने पर भी रोक लगा दी गई है. ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के वाहन ज़ब्त किए जाएँगे. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वाहन ज़ब्त करने और चालान काटने की कार्रवाई की जाएगी.
मेरठ ज़ोन के एडीजी भानु भास्कर का कहना है कि त्रिशूल, हॉकी या किसी भी तरह के हथियार के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. प्रतीकात्मक रूप से भी इन्हें ले जाने पर रोक है. सभी ज़िलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फ़ोर्स (आरएएफ) और पीएसी की टीमें सक्रिय रहेंगी. साथ ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कड़ी नज़र रखेंगे.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.