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निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है. आक्रामक रुख अपना चुके संजय निषाद ने बीजेपी को दूसरी पार्टियों से आए विभीषणों से सावधान रहने को कहा है.
UP विधानसभा चुनाव को अभी दो साल बाकी हैं, लेकिन निषाद पार्टी के नेता और योगी कैबिनेट के मंत्री संजय निषाद अपनी ज़मीन तैयार करने में जुट गए हैं. संजय निषाद ने न केवल बीजेपी को सचेत किया है, बल्कि ये भी साफ कर दिया है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.
संजय निषाद संविधान यात्रा कर रहे हैं. सहारनपुर से सोनभद्र तक की इस यात्रा में संजय निषाद आए दिन आक्रामक बयान दे रहे हैं. संजय निषाद ने अब भारतीय जनता पार्टी को चेताया है कि वो दूसरी पार्टियों से आए विभीषणों से दूर रहे. इसके साथ ही निषाद ने कहा कि राज्य की 200 सीटें निषाद बहुल इलाकों में है. इससे पहले 2024 के लोकसभा चुनाव में भी 200 सीटों पर प्रभाव का दावा करते हुए संजय निषाद ने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग बीजेपी से की थी. लेकिन बीजेपी ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था.
पॉलिटिकल विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार 200 सीटों की बात दोहराकर संजय निषाद सीट शेयरिंग को लेकर माहौल बना रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इससे बीजेपी दबाव में आकर उन्हें ज्यादा सीटें देने के लिए राज़ी हो जाएगी. बता दें कि राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से केवल 5 में निषाद पार्टी के विधायक है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज़ कर दी है. सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने विधायकों के काम का ऑडिट शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि इस ऑडिट के नतीजों के आधार पर तय होगा कि विधायक अपनी सीट पर दोबारा चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं. दूसरी तरफ से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को फिर से गले लगा लिया है. वहीं, बीते महीने अखिलेश यादव ने ऐलान कर दिया था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे.
साल 2022 के UP Assembly Election में चुनाव जीतकर बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA ने सरकार बनाई थी. योगी आदित्यनाथ दोबारा यूपी के मुख्यमंत्री चुने गए थे. फिलहाल उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 258 बीजेपी के पास है. वहीं, 107 विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 2 सीटों पर सिमटकर रह गई थी, वहीं बसपा के पास केवल 1 सीट है.
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