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Temperature Rise: इस साल मई का महीना राहत भरा रहा, न चिलचिलाती धूप, न ही लू का कहर, और मौसम ने भी खूब साथ दिया. लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या बदला इन चंद दिनों में कि जून की शुरुआत होते ही मौसम का मिज़ाज अचानक तल्ख हो गया? जो मई तक सुकून दे रहा था, वही अब जून में कहर बरपाने लगा है.
Why Teperature Scorching in June: मई महीने में जहां पूरे उत्तर भारत में मौसम सुहावना बना रहा और गर्मी परेशान नहीं कर पाई, वहीं जून की शुरुआत होते ही सूरज ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में हीट वेव (लू) को लेकर अलर्ट जारी किया है.
मई में क्यों रही राहत?
मई आमतौर पर लू और चिलचिलाती गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस साल हालात कुछ अलग रहे. पूरे महीने पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) के बार-बार सक्रिय होने से बारिश और ठंडी हवाओं का सिलसिला बना रहा. खास बात ये रही कि "नौतपा" जैसे गर्म दिनों में भी बारिश होती रही, जिससे तापमान सामान्य से नीचे रहा. IMD के अनुसार, मई में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से अधिक बारिश और आंधी-तूफान की वजह से गर्मी से काफी राहत मिली.
जून में अचानक क्यों बढ़ी गर्मी?
जून की शुरुआत में हल्की बारिश जरूर हुई, लेकिन इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ निष्क्रिय हो गया और आसमान साफ होते ही सूरज की तपिश तेज हो गई. शुष्क हवाओं के चलते तापमान तेजी से बढ़ा. मॉनसून भी केरल और महाराष्ट्र तक समय से पहले पहुंचा, लेकिन 29 मई के बाद उसकी रफ्तार धीमी हो गई, जिससे प्री-मॉनसून गतिविधियां थम गईं.
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हीट वेव से स्वास्थ्य पर खतरा
मौसम विभाग ने दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है. लू, थकावट, सिरदर्द और "हीट स्ट्रोक" जैसी समस्याओं से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना और छांव में रहना जरूरी है. बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
कब मिलेगी राहत?
IMD के अनुसार, 11 जून से मौसम में बदलाव शुरू हो सकता है. 12 जून को गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है, जिससे तापमान गिरकर 43 से 38 डिग्री तक आ सकता है. 13-15 जून के बीच आंधी-तूफान और हल्की बारिश से लोगों को कुछ राहत मिल सकती है.
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