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मेघालय में पति राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सोनम रघुवंशी इंदौर वापस आई थी. रिपोर्ट्स की मानें तो इंदौर में वो 25 मई से 7 जून तक रही. आखिर इन 13 दिनों में वो कहां रही, किससे मिली इसका जांच में इंदौर पुलिस जुट गई है.
Raja Raghuvanshi Murder Case: जब मेघालय पुलिस सोनम रघुवंशी की तलाश में राज्य का चप्पा-चप्पा खंगाल रही थी तब सोनम रघुवंशी मेघालय से आकर इंदौर में ही छुपी हुई थी. जांच और पूछताछ में सामने आया है कि 25 मई से 7 जून तक सोनम रघुवंशी इंदौर में ही थी. उसने और राज कुशवाहा ने किराए पर एक कमरा लिया और करीब 5000 रुपये का राशन खरीदा था. इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है दोनों की यहां लंबे समय तक रुकने की प्लानिंग थी.
पुलिस अब ये समझना चाह रही है कि अगर सोनम का प्लान हत्या के बाद नेपाल भागना था तो वो इंदौर क्यों आई और इतने दिन इंदौर में रहकर उसने क्या किया? पुलिस देवास नाका इलाके में उस घर की तलाश में जुटी हुई है जहां सोनम और राजा 13 दिन तक रुके थे. इसके साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इंदौर में रहने के दौरान सोनम ने किस-किससे मुलाकात की. अपने परिवार को बिजनेस को सोनम ही चलाती थी, इस वजह से पुलिस को शक है कि कहीं इंदौर में रहने के दौरान सोनम अपने परिवार से तो नहीं मिली या फिर कहीं उसके परिवार ने उसकी मदद तो नहीं की? पुलिस उन सभी बैंक अकाउंट्स की भी जांच करेगी जिन्हें सोनम ऑपरेट कर रही थी.
11 मई को सोनम और राजा रघुवंशी की शादी हुई थी. शादी के बाद सोनम राजा के साथ संबंध बनाने को तैयार नहीं थी. राजा ने अपनी मां को बताया था कि सोनम उसमें कोई इंटरेस्ट नहीं लेती है. सोनम ने राजा को झांसा दिया कि कामाख्या मंदिर में दर्शन के बाद ही वो उसके साथ अपनी नई ज़िंदगी की शुरुआत करेगी. इसके बाद वह पहले उसे गुवाहाटी लेकर गई. 20 मई को दोनों ने कामाख्या मंदिर में दर्शन किए और 21 मई को वो मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग पहुंचे. 23 मई को दोनों गायब हो गए. परिवार जब उनसे संपर्क नहीं कर पाया तब उसने पुलिस से मदद मांगी और दोनों की तलाश शुरू हुई. 2 जून को राजा रघुवंशी की बॉडी एक खाई में मिली. इसके बाद सोनम की तलाश तेज़ हुई और 8-9 जून की दरमियानी रात को वह उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में एक ढाबे में मिली. उसने शुरुआत में किडनैपिंग और बेहोशी की झूठी कहानी रची, हालांकि पुलिस के सामने उसका झूठ टिक नहीं पाया और उसने सरेंडर कर दिया.
23 मई को राजा की हत्या के दिन सोनम राज कुशवाहा के संपर्क में थी. राज कुशवाहा तीनों सुपारी किलर्स को निर्देश दे रहा था. हत्या के बाद सोनम टैक्सी लेकर पहले शिलॉन्ग पहुंची. इसके बाद उसने एक टूरिस्ट कैब ली और गुवाहाटी पहुंची. गुवाहाटी से इंदौर आने के लिए उसने अलग-अलग ट्रेन से छोटी-छोटी दूरी तय की, ताकि पकड़ी न जाए. 25 मई को सोनम इंदौर पहुंची, यहां वो और राजा एक साथ एक रिहायशी इलाके में घर लेकर रहे. 7 जून को सोनम इंदौर से निकली, उसका प्लान बनारस, गोरखपुर होकर नेपाल भागने का था. गाज़ीपुर पहुंचकर उसने किडनैपिंग, बेहोशी की दवा देने की झूठी कहानी ढाबा संचालक और पुलिस को सुनाई. हालांकि उसका झूठ पकड़ा गया और उसने सरेंडर कर दिया.
राजा रघुवंशी मर्डर केस में पुलिस ने चार लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें सोनम और उसका प्रेमी राज कुशवाहा मुख्य आरोपी हैं. वहीं, विशाल सिंह चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी को सोनम और राज ने राजा के मर्डर की सुपारी दी थी.
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