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भारत में कहां है Valley of Flowers? हर 15 दिन में बदलती है रंग, बेहद खूबसूरत है यहां का नजारा

आज हम आपको भारत की बेहद खूबसूरत घाटी के बारे में बताएंगे जिसे फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता है और यहां के फूल हर 15 दिन में अपना रंग बदलकर पूरे इलाके को बदलकर रख देते हैं, जानें कहां है यह बेहद खूबसूरत घाटी

जया पाण्डेय | Jun 01, 2025, 04:38 PM IST

1.उत्तराखंड में है फूलों की घाटी

उत्तराखंड में है फूलों की घाटी
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भारत में एक बेहद खूबसूरत सी जगह है जिसे वैली ऑफ फ्लावर्स के नाम से जाना जाता है. यह जगह जम्मू-कश्मीर या नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में नहीं बल्कि उत्तराखंड में है. यह एक नेशनल पार्क है जिसे साल 1982 में स्थापित किया गया था.

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2.फूलों ही नहीं जानवरों का भी घर है यह घाटी

फूलों ही नहीं जानवरों का भी घर है यह घाटी
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वैली ऑफ फ्लावर्स या फूलों की घाटी नेशनल पार्क उत्तराखंड के चमोली में स्थित है जो अपनी अल्पाइन फूलों के मैदानों और वनस्पतियों की विविधता के लिए जाना जाता है. सिर्फ फूलों ही नहीं बल्कि यह जगह  दुर्लभ और लुप्तप्राय जानवरों का भी घर है. यहां  एशियाई काला भालू , हिम तेंदुआ , कस्तूरी मृग , भूरा भालू , लाल लोमड़ी और नीली भेड़ जैसे जानवर पाए जाते हैं.

3.जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है यह घाटी

जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है यह घाटी
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गढ़वाल हिमालय में स्थित और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान से सटी यह घाटी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. यह घाटी प्रतिवर्ष जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है तथा अपनी शांत सुन्दरता और समृद्ध जैव विविधता के जानी जाती है. बाकी बचे महीनों में यह बर्फ से ढकी रहती है.

4.किसने दिया फूलों की घाटी का नाम

किसने दिया फूलों की घाटी का नाम
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साल 1931 में ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस. स्माइथ , एरिक शिप्टन और आरएल होल्ड्सवर्थ माउंट कामेट के सफल अभियान से लौटते समय अपना रास्ता भूल गए और इस घाटी में आ गए, फूलों से भरी इस घाटी को देखकर वे इसकी सुंदरता से बेहद आकर्षित हुए और इसे वैली ऑफ फ्लावर्स का नाम दे दिया. फ्रैंक एस. स्माइथ ने इस पर एक किताब भी लिखी है.

5.15 दिन में पूरी तरह से बदल जाती है फूलों की घाटी

15 दिन में पूरी तरह से बदल जाती है फूलों की घाटी
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अपनी किताब में उन्होंने फूलों की घाटी को जादुई घाटी भी बताया और इसके कई दिलचस्प किस्सों का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने बताया कि इस घाटी पर मौजूद फूलों का रंग हर 15 दिन में बदलता रहता है.

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