डीएनए मनी
Kusum Lata | Jul 18, 2025, 05:10 PM IST
1.What is 24 Hour Rule of shopping
सोशल मीडिया पर किसी इंफ्लुएंसर द्वारा सुझाया गया कोई बैग या स्किन केयर प्रोडक्ट हो या फिर किचन का कोई फैंसी सामान या फिर कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट. कई प्रोडक्ट्स के विज्ञापन इतने प्रॉमिसिंग होते हैं कि हमें लगता है कि ये तो चाहिए ही. 24 Hour Rule ये कहता है कि जब भी आपको ऐसा लगे तब आपको सामान तुरंत खरीदने की बजाए 24 घंटे के लिए रुक जाए. इन 24 घंटों में इस पर विचार करें कि क्या आपको सही में उस सामान की ज़रूरत है.
2.How 24 Hour Rule helps save money
जब आप 24 घंटे रुकने का फैसला करते हैं तो आप खुद से ये नहीं कहते कि वो सामान खरीदना नहीं है, बस उसके बारे में सोचने के लिए खुद को 24 घंटे दे रहे होते हैं. ज्यादातर मामलों में 24 घंटे के बाद लोगों का शॉपिंग इम्पल्स खत्म हो जाता है, वो उस प्रोडक्ट की यूटिलिटी पर फोकस करते हैं, अब बजट देखते हैं और उस आधार पर फैसला करते हैं. अगर 24 घंटे पूरे होने के बाद आपको वो सामान खरीदने का मन हो और वो अगर आपके बजट में आ रहा हो तो उसे आप खरीद सकते हैं.
3.Why 24 Hour Rule
हाल के समय में ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स का डिजिटल मार्केटिंग गेम बेहद स्ट्रॉन्ग हो गया है और इसमें सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स का एल्गोरिद्म उनकी और मदद करता है. किसी भी प्रोडक्ट के विज्ञापन पर अगर आप रुक गए तो आपको उसके ही ऐड्स देखने को मिलेंगे. ऐसे में आप उस प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने के लिए टेम्प्ट हो जाते हैं और कई ऐसी चीज़ें खरीद लेते हैं जिसकी आपको ज़रूरत ही नहीं है. इस टेम्प्टेशन को कंट्रोल करने के लिए 24 घंटे का नियम आप अपना सकते हैं.
4.When is 24 hour rule most useful
24 Hour rule वैसे तो नॉन-एसेंशियल कैटेगरी के हर खर्चे के लिए मददगार है. पर सबसे ज्यादा मददगार होता है छोटे-छोटे खर्चों के लिए. 100 रुपये की क्लिप, 200 रुपये का पेन, 150 रुपये का तवा...विज्ञापनों में दिखने वाली ये चीज़ें इतनी सस्ती होती हैं कि पसंद आते ही हम बिना सोचे-समझे उन चीज़ों को खरीद लेते हैं. इस तरह 100-200 रुपये मिलाकर हम पूरे महीने में बड़ा खर्च कर लेते हैं.
5.Must follow this rule if product cost is more than...
जो सामान आप लेना चाह रहे हैं अगर उसकी कीमत आपकी सालाना आय के 1 प्रतिशत से ज्यादा है तो 24 घंटे का नियम ज़रूर अपनाएं. इससे आप फिज़ूल का बड़ा खर्च करने से बचेंगे. मान लीजिए कि आपके एक साल की सैलरी 10 लाख रुपये है. ऐसे में 10 हजार या उससे ज्यादा कीमत का कोई भी सामान खरीदने से पहले 24 घंटे इंतज़ार जरूर करें. इम्पल्स में आपने इतना महंगा सामान खरीद लिया तो भारी नुकसान होगा.
6.What not to do during 24 hour rule
उस सामान का रिव्यू चेक करें. अगर उसके विज्ञापन आपकी फीड पर आएं तो उसे तुरंत हटा दें. अगर आपने उस सामान को अपने शॉपिंग कार्ट में डालकर रखा है तो कार्ट खोलकर न देखें. न ही शॉपिंग ऐप के नोटिफिकेशंस देखें.
7.How Shopping platforms fool you
कोई भी सामान कार्ट में डालने के बाद अगर आप उसे तुरंत नहीं खरीदते तो कुछ समय के बाद शॉपिंग वेबसाइट्स उस पर फर्ज़ी टाइमर दिखाने लगती हैं. वो ये दिखाती हैं कि उस टाइम तक ही आपको स्पेशल प्राइज़ मिलेगी या फिर कई केसेस में वो प्रोडक्ट के साथ लिमिटेड स्टॉक का ऑप्शन दिखाने लगते हैं. इससे यूज़र्स के दिमाग में उस सामान को खरीदने की अर्जेंसी पैदा होती है और वो इम्पल्स बाइंग के शिकार हो जाते हैं.
8.best way to save money while shopping
कोई भी सामान खरीदने से पहले अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर उसकी कीमत चेक करें. उदाहरण के लिए एक लिप्स्टिक की कीमत नायका, मिंत्रा, अमेज़न और क्विक कॉमर्स वेबसाइट्स पर अलग-अलग हो सकती है. आपको उस कीमत के साथ-साथ उस पर लगने वाला डिलिवरी चार्ज और प्लैटफॉर्म फी भी कम्पेयर करना होगा. ये सब मिलाकर ओवरऑल कॉस्ट जहां कम पड़ रहा हो वहां से सामान खरीदें.