Twitter
Advertisement

नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद शाहरूख खान का आया पहला रिएक्शन! SRK ने वीडियो जारी कर जताया आभार

Sprouted Vegetables: फूड पॉइज़निंग का खतरा बढ़ाती हैं ये 3 अंकुरित सब्जियां, भूलकर भी न खाएं

Viral News: मुंबई से कोलकाता जा रही इंडिगो फ्लाइट में हाई वोल्टेज ड्रामा, यात्री ने दूसरे पैसेंजर को जड़ा थप्पड़

Tingling In Hands And Feet: बैठे-बैठे हाथ पैर में होती है झुनझुनी, कहीं आपमें तो नहीं इस विटामिन की कमी

Bihar Voter List 2025: बिहार में वोटर लिस्ट से 65 लाख से भी ज्यादा नाम हटे, इस जिले में सबसे ज्यादा कटौती

Rashifal 02 August 2025: कर्क और धनु वालों के व्यवसाय में होगी बढ़ोतरी, जानें आज मेष से मीन तक की राशियों का भाग्यफल

Numerology: इन 3 तारीखों में जन्मी लड़कियां आसानी से जीत लेती हैं लड़कों का दिल, फिजूलखर्ची के होती हैं खिलाफ

30 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला 15 हजार कमाने वाला क्लर्क, 40 एकड़ ज़मीन-24 घर... जानिए जांच में क्या-क्या मिला

शाहरुख खान को ‘जवान’ के लिए मिला पहला नेशनल अवॉर्ड, जादुई रहा 33 सालों का फिल्मी सफर

Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन पर सुबह 5 बजे से शुरू होगा शुभ मुहूर्त, जानें कितने समय तक बांध सकेंगे भाई को राखी

पैसों से जुड़ी ये 8 गलतियां खाली कर रही हैं आपका अकाउंट, नहीं संभले तो हो जाएंगे कंगाल

कितना भी कोशिश कर लो, महीना खत्म होने से पहले सैलरी जवाब दे ही देती है. अगर आप इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो हो सकता है कि ये पैसों से जुड़ी कुछ गलत आदतों के चलते हो रहा हो. इन आदतों को सुधारकर आप अपनी आर्थिक स्थिति भी बेहतर कर सकते हैं. चलिए जानते हैं कि वो गलतियां कौन सी हैं जो आपको नहीं करनी हैं.

Kusum Lata | Jul 28, 2025, 01:59 PM IST

1.Biggest Mistake: Ignoring your Financial trouble

Biggest Mistake: Ignoring your Financial trouble
1

सबसे बड़ी गलती होती है अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर डिनायल में रहना. ये स्वीकार न करना कि आपके पैसों का हिसाब गड़बड़ हो सकता है. अगर क्रेडिट कार्ड का बिल या लोन की EMI में आधी से ज्यादा सैलरी जा रही है, अगर महीना खत्म होने से पहले आपकी सैलरी खत्म हो रही है तो आप आर्थिक परेशानी में हैं और आपको इसके लिए ज़रूरी कदम उठाने होंगे.

Advertisement

2.Random Shopping

Random Shopping
2

सोशल मीडिया पर किसी चीज़ का ऐड देखते ही उसे खरीद लेना, भले ही उसकी जरूरत न हो. पैनडेमिक के बाद ऑनलाइन शॉपिंग हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है और इसी का फायदा उठाते हैं ऑनलाइन सेलर्स. घर का कोई सामान हो या बाल उगाने की दवा या फिर कोई फिटनेस प्लान, तब तक न खरीदें जब तक आप इस बात को लेकर पूरी तरह श्योर न हों कि आपको उसकी ज़रूरत है ही.

3.Not making or Following a budget

Not making or Following a budget
3

सबसे बड़ी गलती बजट न बनाने की है. जब तक आप अपनी सैलरी को अपनी अलग-अलग जरूरतों के लिए एलोकेट नहीं करेंगे तब तक आप पैसों की कमी से जूझते रहेंगे. सैलरी आते ही सबसे पहले अपनी ज़रूरतों पर फोकस करें. किराया, राशन, बिजली-पानी का बिल. महीने का ट्रैवल एक्सपेंस आदि. उसके बाद एक तय हिस्सा सेविंग और इनवेस्टमेंट्स में लगाएं, एक छोटा हिस्सा अपने शौक जैसे फिल्म देखना, बाहर खाना आदि के लिए भी रखें. कोशिश करें कि पूरे महीने आपके खर्चे आपके बनाए बजट के अंदर ही हों.

4.Spending more than income

Spending more than income
4

आसानी से मिलने वाले क्रेडिट कार्ड्स ने लोगों के बजट में बंधकर रहने की आदत को पूरी तरह खत्म कर दिया है. लोग क्रेडिट कार्ड के भरोसे अपनी कमाई से ज्यादा रुपये खर्च कर रहे हैं. इससे हर महीने सैलरी आते ही उनकी सैलरी का बड़ृा हिस्सा क्रेडिट कार्ड के बिल में चला जाता है और फिर पूरे महीने के खर्च सैलरी से पूरे नहीं पड़ते. इस तरह वो कर्ज के एक ऐसे ट्रैप में फंस जाते हैं जहां से निकल पाना मुश्किल होता है.

5.Auto renew in subscription

Auto renew in subscription
5

किसी OTT प्लैटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन हो या फिर जिम मेंबरशिप या फिर किसी और सर्विस का प्लान. हम अक्सर उसे ऑटो-रिन्यू ऑप्शन पर डालकर छोड़ देते हैं कि बार-बार कौन रीचार्ज करे. इससे होता ये है कि कई सर्विसेस, जो आप इस्तेमाल भी नहीं करते, उनके पैसे आप बेवजह दे रहे होते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि ऑटो डेबिट का मैसेज आने पर हमें रियलाइज़ होता है कि ये प्लान तो हमें बंद करना था लेकिन तब तक पैसे कट चुके होते हैं. इसलिए किसी भी प्लान को ऑटो रिन्यू ऑप्शन के साथ न लें.

6.Running After Brands

Running After Brands
6

ब्रांड्स के पीछे भागते हुए कई बार हम क्वालिटी से ज्यादा उस ब्रांड के टैग को इम्पॉर्टेंस दे देते हैं. उस एक टैग के लिए हम कई गुना ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार होते हैं. जबकि उतनी ही या उससे बेहतर क्वालिटी का सामान हमें कम कीमत में मिल सकता है. उदाहरण के लिए हो सकता है कि आप एक सामान्य दुकान पर बिना टैग वाली अच्छी शर्ट 1000 रुपये में खरीद लें, जबकि वही शर्ट ब्रांड टैग के साथ आपको दोगुनी से भी ज्यादा कीमत में मिलेगी.

7.Not understanding Buy More Save More

Not understanding Buy More Save More
7

ज्यादा खरीदो, ज्यादा बचत करो... ये एक ऐसा कॉन्सेप्ट है जिसे ज्यादातर लोग गलत ही समझते हैं. दो खरीदो एक मुफ्त पाओ... इस तरह के ऑफर आपको ब्रांडेड स्टोर्स पर दिखते हैं. यहां खरीदने एक चीज़ जाते हैं और ऑफर देखकर दो के पैसे चुकाकर तीन सामान ले आते हैं. यहां आप उस ट्रिक के शिकार हो जाते हैं जिसके तहत बड़े ब्रांड्स अपना स्टॉक क्लियर करते हैं. लेकिन बाय मोर सेव मोर तब आपके लिए फायदेमंद है जब आप ज़रूरत का ज्यादा से ज्यादा सामान एक साथ खरीदते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप किसी क्विक कॉमर्स ऐप से ग्रोसरी खरीदते हैं तो ज्यादा सामान खरीदने पर आपको फ्री डिलिवरी मिल जाती है या डिलिवरी चार्ज कम लगता है. इतना ही नहीं, आप जितनी बार सामान मंगाएंगे आपको उतनी बार डिलिवरी और हैंडलिंग चार्ज देना पड़ेगा.

8.Buying Things without comparing prices

Buying Things without comparing prices
8

कोई भी सामान खरीदने से पहले अगर आप उसकी कीमत चार जगह से पता नहीं करते तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं. कई बार एक ही सामान पर अलग-अलग स्टोर पर अलग-अलग ऑफर मिल रहा होता है. उदाहरण के लिए 1200 रुपये MRP वाली लिपस्टिक हो सकता है कि एक स्टोर पर आपको 1150 की मिले और कहीं पर 800 रुपये में मिल जाए. कीमतों में ये अंतर उस स्टोर और ब्रांड के बीच हुई प्रमोशनल डील्स की वजह से आता है. ब्रांड्स अलग-अलग समय पर अलग-अलग रीटेल या ऑनलाइन स्टोर के साथ प्रमोशनल डील्स करते रहते हैं. इसलिए हमेशा प्राइज़ कम्पेयर करके ही सामान खरीदें.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement