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Guru Nanak Jayanti 2022: नानक देव जी के इन तीन मूल मंत्रों में छिपी है जिंदगी की सफलता

Guru Nanak Jayanti- गुरु नानक देव जी ने सुख-शांति और सफल जीवन के लिए अनेक मूल मंत्र दिए हैं, यहां जानिए उन्हीं में से ये 3 सबसे महत्वपूर्ण शिक्षाएं

Guru Nanak Jayanti 2022: नानक देव जी के इन तीन मूल मंत्रों में छिपी है जिंदगी की सफलता

गुरु नानक जी की 3 बड़ी सीख

डीएनए हिंदी: Motivational Learning from Guru Nanak Dev Ji- आज देश भर में गुरु नानक देव जयंती (Guru Nanak Jayanti) मनाई जा रही, गुरु नानक देव जी सिखों के पहले गुरु थे. उनके जन्मोत्सव के रूप में आज प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है, इसे गुरु पर्व भी कहा जाता है. नानक देव जी ने खुशहाल जीवन जीने के 3 अचूक मंत्र दिए हैं, इसका अनुसरण करने वाले कभी भी संकट की घड़ी में परेशान नहीं होते और सतकर्म से सफलता प्राप्त करते हैं. गुरु नानक देव जी कहते हैं कि व्यक्ति अपने कर्म से ही धन, मान-सम्मान और सुखी जीवन जी पाता है. ऐसे में गुरु नानक देव जी की ये 3 बड़ी शिक्षाएं व्यक्ति के जीवन व कर्म में श्रेष्ठता लाती हैं. चलिए जानते हैं गुरु नानक देव जी की सिखाई 3 शिक्षाएं

गुरु नानक जी की 3 बड़ी शिक्षाएं (Guru Nanak Ji Three Lessons)

काम के प्रति ईमानदार रहें

गुरु नानक देव जी कहते हैं ईमानदारी से कर्म करने वाला व्यक्ति सदा तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ता है.

नानक देव जी कहते हैं- 
 
सोचै सोचि न होवई, जो सोची लखवार। 
चुपै चुपि न होवई, जे लाई रहालिवतार।

अर्थात, सोचने मात्र से समाधान नहीं निकलता. जब तक व्यक्ति ईमानदारी से मेहनत नहीं करता तब तक उसे लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती. गुरु नानक देव जी कहते हैं कि शारीरिक रूप से चुप हो जाने से चुप नहीं हुआ जा सकता है. सफलता पाने के लिए व्यक्ति के जीवन में आंतरिक शान्ति और ठहराव बेहद जरूरी है. उनका कहना है कि सच्चा साधक वही है जो अच्छे कर्म करते हुए ईश्वर को हमेशा याद रखे. 

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दान करें

गुरु नानक देव जी का कहना है कि दान ही सबसे बड़ा धर्म है. इसके अलावा जिस भी व्यक्ति के अंदर त्याग की भावना, विश्वास की ताकत होती है उसके जीवन में कभी दुख नहीं आता. इस संदर्भ में एक कथा प्रचलित है, कहा जाता है एक बार गुरु नानक जी अपने दो बेटों और लेहना (गुरु अंगद देव) के साथ यात्रा पर थे तभी रास्ते में उन्हें एक शव दिखा जो कपड़े से ढ़का हुआ था. नानक जी ने पूछा- इसे कौन खाएगा. गुरु नानक देव जी के बेटे तो मौन रहे लेकिन लेहना ने उसे खाने की बात स्वीकार कर ली क्योंकि लेहना को अपने गुरु पर पूरा विश्वास था. लेहना ने जब कपड़ा हटाया तो वहां पवित्र भोजन मिला. इसके बाद लेहना ने गुरु को समर्पित कर वह भोजन ग्रहण किया. कहा जाता है सिख समुदाय के लोग इसी आधार पर अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान धर्म के लिए निकालते हैं जिसे दसवंध कहते हैं. इन्हीं दान धर्म के पैसों से लंगर चलता है. 

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जपें प्रभु का नाम

गुरु नानक देव जी कहते हैं ईश्वर चारों ओर स्थित है फिर चाहे वो मानव हो, दिशा हो या फिर पेड़-पौधे प्रभु के स्मरण मात्र से जीवन तर जाता है. उनका कहना था कि धर्म का मार्ग ही जीवन में सफलता दिलाता है. इसके अलावा ईश्वर की भक्ति और प्रभू का नाम जपने से तमाम परेशानियों का निवारण हो जाता है. कहते हैं जप से मन एकाग्र होता है और आध्यात्मिक-मानसिक शक्ति मिलती है. गुरु नानक देव जी ने प्रभू का नाम जपने के दो तरीके बताए हैं, पहला संगत यानी पवित्र संतों की मंडली में रहकर जप करना और दूसरा एकांत में जप करना.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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