Twitter
Advertisement

भारत के सरकारी बैंकों में किसका स्टाफ है सबसे भारी? ये रही टॉप 5 Employer Banks की लिस्ट

बॉस से ज्यादा स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना देंगी ये आदतें, ऑफिस में कायम होगी आपकी बादशाहत 

झारखंड के पूर्व CM और पूर्व केंद्रीय मंत्री Shibu Soren का निधन, किडनी संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में थे भर्ती

'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' लड़का जो कभी करता था वेटर का काम, अब इस पद पर हुआ 'सुपरकॉप' दया नायक का प्रमोशन

Diabetes Symptoms In Men: पुरुषों में डायबिटीज होने पर शरीर देता है ये चेतावनियां, समय रहते दें ध्यान नहीं दिया तो शुगर होगी अनकंट्रोल

White vs Brown Bread: सफेद या ब्राउन ब्रेड कौन ज्यादा हेल्दी? अगर कंफ्यूज हैं तो पढ़ें ये रिपोर्ट, खुल जाएंगे ज्ञान के सारे चक्क्षु 

SSC Stenographer Admit Card 2025: एसएससी स्टेनोग्राफर इंटीमेशन स्लिप जारी, जानें कब से डाउनलोड कर पाएंगे एडमिट कार्ड

फैट बर्नर पिल की तरह कमर और पेट की चर्बी जला देंगे ये फूड, 7 दिनों का ये वेजिटेरियन डाइट फॉलो करें

Workout Reduce Cancer Risk: रोजाना सिर्फ एक वर्कआउट से कैंसर का खतरा 30% कम! जानिए नई रिसर्च क्या कहती है

HP Police Result 2025: हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, hppsc.hp.gov.in पर ऐसे करें चेक

बाबाओं का मायाजाल बनाएगा मध्य प्रदेश की सरकार? वोट का 'आशीर्वाद' पाने को लगी होड़

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से लेकर प्रदीप मिश्रा तक, विपक्षी दल हो या सत्तारूढ़ पार्टी, हर किसी की कोशिश बाबाओं को रिझाने की रही है.वजह उनके पास मौजूद अपार जनसमर्थन है.

बाबाओं का मायाजाल बनाएगा मध्य प्रदेश की सरकार? वोट का 'आशीर्वाद' पाने को लगी होड़

MP Assembly Election 2023.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश की राजनीति में धर्म गुरुओं की मजबूत दखल रही है. राजनीतिक दल भी बाबाओं पर मेहरबान रहे हैं. कुछ बाबा सत्ता पक्ष के साथ रहते हैं, कुछ बाबाओं की कृपा विपक्ष पर बरसती है. दिग्विजय सिंह, कमलनाथ से लेकर शिवराज सिंह तक, बाबाओं की महिमा को नजरअंदाज नहीं कर पाते हैं. सोशल मीडिया के इस दौर में बाबा का सच्चा भक्त बनने की होड़ भी लोगों में दिखती है. कभी कमलनाथ बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ नजर आते हैं तो कभी शिवराज सिंह चौहान प्रदीप मिश्रा की शरण में पहुंचते हैं. मध्य प्रदेश की राजनीति की कहानी ऐसी ही है. 

साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भी बाबा फैक्टर का बोलबाला रहा है. 2023 में कई नए बाबा इस कतार में आ गए हैं, जिन्हें देखने लाखों की भीड़ दौड़ी चली आती है. कंप्युटर बाबा, बागेश्वर धाम सरकार, प्रदीप मिश्रा, पंडोखर सरकार, जया किशोरी, रावतपुरा सरकार संत रविशंकर और कमल किशोर नागर जैसे कई चेहरे ऐसे हैं, जिन्हें रिझाने में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी, दोनों पार्टियां लग गई हैं.

बाबाओं को रिझाने में कम नहीं हैं कमलनाथ
बीजेपी पर हिंदुत्ववादी होने का टैग है. कांग्रेस सेक्युलर पार्टी है लेकिन कमलनाथ धार्मिक हैं. बीजेपी को वह कट्टरपंथी पार्टी बताते रहते हैं और सेक्युलर विरोधी छवि वाली पार्टी का दर्जा भी देते हैं. उन्होंने छिंदवाड़ा में बाबा बागेश्वर की कथा कराई थी. उन्होंने कई धर्मगुरुओं को बुलाया था. बाबा के साथ वह हेलीकॉप्टर में घूमते भी नजर आए थे. ऐसा लगा कि बाबा ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया लेकिन बाबा तो हिंदू राष्ट्र वाले हैं. अपने गुरु रामभद्राचार्य की तरह, उनका भी झुकाव बीजेपी की ओर है.

शिवराज सिंह चौहान.

इसे भी पढ़ें- 'गाजा अब वॉर जोन', जमीनी हमले की तैयारी में जुटा इजरायल, लोगों से इलाका खाली करने की अपील

बाबाओं का मिले आशीर्वाद तो बरसे वोट
बाबाओं को रिझाने और वोट बैंक को साधने में जबरदस्त कनेक्शन है. राघौगढ़ से लेकर छिंदवाड़ा तक,हर जगह धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को रिझाने की कोशिश कांग्रेस ने की. पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने मेजबानी ही संभाल ली. छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी तो बाबा की सेवा में हमेशा हाजिर रहते हैं. कहा जाता है कि बाबा की प्रसिद्धि में उनकी भूमिका अहम है. 

बीजेपी को भी है बाबाओं से आस
बीजेपी तो घोषित तौर पर बाबाओं को रिझाती रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हर मंच से संतों का आदर सत्कार करते हैं. बीजेपी पर बाबा बागेश्वर से लेकर रुद्राक्ष बाबा (प्रदीप मिश्रा) तक की कृपा है. संयोग से जिन बाबाओं का आशीर्वाद बीजेपी चाहती है, उन्हीं का आशीर्वाद कांग्रेस भी चाहती है. नरेला से लेकर छिंदवाड़ा तक, बाबाओं के आशीर्वाद की धूम हर तरफ है.

प्रदीप मिश्रा.

यह भी पढ़ें- इजरायल ने पैराशूट अटैक कराने वाला हमास कमांडर ढेर किया, 5 पॉइंट्स में पढ़ें ताजा अपडेट्स

जया किशोरी पर भी दांव खेल रही राजनीतिक पार्टियां
कथा वाचक जया किशोरी को भी अपने पक्ष में करने की होड़ मची है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों के नेता उनके कार्यक्रमों की प्रतीक्षा में है. कभी भोपाल में बीजेपी नेता के कार्यक्रम में वह नजर आती हैं तो कभी इंदौर में कांग्रेस के. महू में कांग्रेस नेता जीतू ठाकुर भी उनके कार्यक्रम करा चुके हैं. जया किशोरी संतुलित बयानों वाली कथावाचक हैं लेकिन उनके भी अनुयायी लाखों में हैं.

राहुल गांधी और कंप्युटर बाबा.

यह भी पढ़ें- गाजा में युद्धविराम पर सयुंक्त राष्ट्र में मतदान, भारत ने बनाई दूरी, ये है वजह

क्या बाबा दिला पाते हैं वोट?
बाबा, आमतौर पर खुद को पार्टी निरपेक्ष बताते रहे हैं लेकिन वोट से पहले उनके आदेश का इंतजार हर कोई करता है. आमतौर पर इन दिनों धार्मिक प्रवचनकर्ताओं का रुझान बीजेपी की ओर है. कांग्रेस, सेक्युलर छवि भी चाहती है लेकिन धार्मिक बाबाओं को रिझाना भी चाहती है. बाबाओं के बयान कट्टर हिंदुत्व वाले भी रहे हैं. कांग्रेस का बाबाओं की शरण में जाना, मुस्लिम वोट बैंक को नुकसान भी पहुंचा सकता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement