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क्या हैं किसी आम भारतीय के लिए पीएम मोदी की 3 दिवसीय फ्रांस यात्रा के मायने? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा ने एआई, परमाणु ऊर्जा और स्थिरता पर महत्वपूर्ण समझौतों के साथ भारत-फ्रांस संबंधों को मजबूत किया. इनमें स्टार्टअप समर्थन, नवाचार सहयोग और मार्सिले में एक नया वाणिज्य दूतावास शामिल हैं.

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क्या हैं किसी आम भारतीय के लिए पीएम मोदी की 3 दिवसीय फ्रांस यात्रा के मायने? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय फ्रांस यात्रा के परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण समझौते और घोषणाएं हुईं, जिनका उद्देश्य आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करना है. ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री की यात्रा ने प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, स्थिरता और सांस्कृतिक संबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रों में भारत-फ्रांस साझेदारी को मज़बूत करने पर प्रकाश डाला.

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और फ्रांस रसद, स्थिरता और वैश्विक व्यापार में सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे बेहतर भविष्य के लिए साझे दृष्टिकोण को बल मिलेगा.

'मार्सिले में समुद्री संबंधों को मजबूत करना!' शीर्षक के साथ पीएम मोदी ने एक ट्वीट किया है. अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और मैंने शिपिंग और लॉजिस्टिक्स में वैश्विक अग्रणी CMA-CGM के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया.

ट्वीट में पीएम मोदी की तरफ से ये भी कहा गया कि जैसे-जैसे भारत अपने समुद्री और व्यापार नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, उद्योग जगत के नेताओं के साथ सहयोग कनेक्टिविटी, आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

अपने ट्ववीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी बताया कि, 'हम लॉजिस्टिक्स, स्थिरता और वैश्विक व्यापार में भारत-फ्रांस सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे बेहतर समुद्री भविष्य के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण को बल मिलेगा.'

बताते चलें कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके 'मित्र' राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के साथ साथ द्विपक्षीय वार्ता की और व्यापारिक नेताओं की एक बैठक को भी संबोधित किया.

क्या होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के मुख्य परिणाम?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर भारत-फ्रांस घोषणा- दोनों राष्ट्र एआई अनुसंधान और अनुप्रयोगों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें नैतिक और जिम्मेदार एआई विकास पर जोर दिया गया है.

भारत-फ्रांस ईयर ऑफ इनोवेशन 2026 लोगो का लॉन्च- दोनों देशों ने आगामी पहल के लिए आधिकारिक लोगो का अनावरण किया, जो नवाचार और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

इंडो-फ्रेंच सेंटर फॉर डिजिटल साइंसेज- भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और फ्रांस के इंस्टीट्यूट नेशनल डे रिसर्च एन इंफॉर्मेटिक एट एन ऑटोमेटिक (आईएनआरआईए) के बीच डिजिटल विज्ञान के लिए एक समर्पित केंद्र स्थापित करने, अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए.

भारतीय स्टार्टअप के लिए समर्थन- उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, प्रसिद्ध फ्रांसीसी स्टार्टअप इनक्यूबेटर, स्टेशन एफ में 10 भारतीय स्टार्टअप की मेजबानी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

उन्नत मॉड्यूलर और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर साझेदारी-  अगली पीढ़ी के परमाणु रिएक्टर प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाने के लिए एक आशय घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए.

परमाणु ऊर्जा सहयोग पर समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण - भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) और फ्रांस के Commissariat a IEnergie Atomique et aux Energies Alternatives (सीईए) के बीच समझौते को नवीनीकृत किया गया, जिससे परमाणु ऊर्जा साझेदारी मजबूत हुई.

परमाणु अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग- भारत के ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप (GCNEP) और फ्रांस के इंस्टीट्यूट फॉर न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (INSTN) के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए DAE और CEA के बीच एक नए कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

त्रिकोणीय विकास सहयोग- भारत और फ्रांस ने स्थिरता और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-प्रशांत क्षेत्र में विकास परियोजनाओं पर सहयोग करने के इरादे की एक संयुक्त घोषणा जारी की.

मार्सिले में भारत का वाणिज्य दूतावास- पीएम मोदी और फ्रांसीसी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मार्सिले में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया, जिससे लोगों के बीच संबंधों और राजनयिक उपस्थिति को और मजबूती मिली.

पर्यावरण साझेदारी- जैव विविधता संरक्षण, जलवायु कार्रवाई और सतत विकास में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और फ्रांस के पारिस्थितिक संक्रमण मंत्रालय के बीच एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए.

बहरहाल जिस तरफ भारत और फ़्रांस ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति दर्ज की है, माना जा रहा है कि इससे न केवल भारत और फ्रांस के रिश्तों में मजबूती आएगी. बल्कि इसका सीधा फायदा भारत को यूरोपीय निवेश के रूप में मिलेगा.

ये बातें सही साबित होती हैं या गलत? इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जो वर्तमान है, वो स्वतः इस बात की पुष्टि कर रहा है कि पूरी दुनिया की नजर भारत पर है. जो एक बड़ी महाशक्ति के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में अपनी खास पहचान बना रहा है. 

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