चुनाव
1.पीएम की छवि और शाह की आक्रामक रणनीति
जनता के बीच में पीएम नरेंद्र मोदी बेहद लोकप्रिय हैं और उनकी छवि की वजह से समाज के हर वर्ग से उन्हें भरपूर समर्थन मिला है. बीजेपी ने पीएम की छवि के साथ गृहमंत्री अमित शाह के सटीक चुनावी रणनीतियों को सही तरह से अमल में लाने का काम किया है. इसका नतीजा है कि एक के बाद एक बीजेपी कई प्रदेश लगातार जीतती जा रही है. यूपी जैसे बड़े प्रदेश में भी इसी रणनीति पर चलते हुए बीजेपी ने बड़ी जीत पाई है.
2.योगी के मजबूत चेहरे पर दांव लगाना
कांग्रेस जहां आज भी हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड जैसे राज्यों में पुराने चेहरों पर ही भरोसा दिखा रही है और कठोर फैसले नहीं ले पा रही है. इसके उलट पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह लगातार राज्यों में नए नेतृत्व पर भरोसा दिखा रहे हैं. उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में युवा योगी आदित्यनाथ को सीएम की जिम्मेदारी सौंपी गई तो महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस और त्रिपुरा में बिप्लव देव को कमान सौंपी गई थी. बतौर मुख्यमंत्री योगी की छवि एक सख्त और परफॉर्मेंस देने वाले नेता के तौर पर बनी और चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिला है.
3.बीजेपी का संदेश हर घर तक पहुंचाने का किया काम
पीएम मोदी और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति गांव-गांव, हर घर तक बीजेपी का संदेश पहुंचाने की रही है. जहां बीजेपी की सरकारें हैं वहां की विकास योजनाओं के साथ केंद्र की विकास योजनाओं को गांवों-कूचों तक पहुंचाने का फायदा बीजेपी को चुनावों में लगातार मिल रहा है. यूपी में केंद्र की उज्ज्वला योजना, फ्री राशन, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के साथ प्रदेश में बेहतर शासन व्यवस्था, कोरोना में राज्य की ओर से मिले राशन जैसी उपलब्धियों को जोर-शोर से जनता तक पहुंचाया गया था.
4.बीजेपी के कोर मुद्दों पर दिखाया साहस
पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने सिलसिलेवार तरीके से एक के बाद एक बीजेपी के सभी पुराने वादे पूरे किए हैं. कश्मीर से धारा 370 खत्म करना हो या राम मंदिर का निर्माण. ये ऐसे मुद्दे हैं जिसकी वजह से बीजेपी के पुराने समर्थक ही नहीं बड़ी संख्या में नए समर्थक भी पार्टी से जुड़े हैं. इसके अलावा सधी हुई रणनीति के साथ बीजेपी ने जनता तक यह संदेश बहुत सकारात्मक तरीके से पहुंचाया है. इसका असर बीजेपी को लगातार मिल रही चुनावी जीत के तौर पर नजर आ रहा है.
5.कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद और जोश भरने की रणनीति
पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी के अजेय बनने के पीछे एक बड़ी वजह बीजेपी कार्यकर्ताओं का जमीन पर जुटे रहना भी है. पीएम मोदी और शाह की ओर से कहा जाता है कि स्थानीय नेताओं को खास तौर पर गांव से लेकर बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को तैयार करने और उनसे लगातार संवाद करने का निर्देश दिया जाता है. पीएम और गृहमंत्री शाह भी खुद अक्सर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हैं.