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निज्जर की हत्या के आरोपियों को मिली जमानत, क्या ट्रूडो का इस्तीफा होते ही बदल गया कनाडा?

Hardeep Singh Nijjar Murder Case: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने मोदी सरकार पर लगाया था. इसके चलते भारत-कनाडा के संबंध अपने सबसे खराब दौर में पहुंच चुके हैं. अब ट्रूडो की पुलिस इस केस में आरोपी बनाए भारतीयों के खिलाफ कोर्ट में सबूत नहीं दे सकी है.

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निज्जर की हत्या के आरोपियों को मिली जमानत, क्या ट्रूडो का इस्तीफा होते ही बदल गया कनाडा?

Hardeep Singh Nijjar की 2023 में हत्या कर दी गई थी. (File Photo)

Hardeep Singh Nijjar Murder Case: भारत और कनाडा के कूटनीतिक संबंधों को सबसे खराब स्तर पर पहुंचा देने वाले केस में एक अहम मोड़ आया है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपी बनाए गए चार भारतीय नागरिकों को कनाडा के सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है. कनाडाई सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कनाडाई पुलिस को पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाने के चलते फटकार भी लगाई है. अब इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी को निचली अदालत में होगी, जहां नवंबर, 2024 में पुलिस ने इन चारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. निज्जर की हत्या वही मामला है, जिसका आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने अपनी संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली भारत सरकार पर लगाकर तहलका मचा दिया था. सिख वोटों को अपने पक्ष में जुटाने के लिए ट्रूडो इस आरोप पर अड़े रहे, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं कर सके. इसके चलते भारत-कनाडा के संबंध (India Canada Relations) लगातार खराब होते चले गए हैं. हालांकि ट्रूडो को इससे कोई लाभ नहीं हुआ है और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. उनके इस्तीफा देते ही चारों भारतीय आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का फैसला आ गया है. इससे यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या ट्रूडो के बाद कनाडा में भारत से संबंध सुधारने की कवायद शुरू हो गई है.

यह भी पढ़ें- Hardeep Singh Nijjar: कौन था हरदीप सिंह निज्जर जिसकी हत्या के मामले में भिड़े भारत और कनाडा

जून, 2023 में हुई थी निज्जर की हत्या
भारत की वांटेड लिस्ट में शामिल खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या 18 जून, 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में कर दी गई थी. गुरुद्वारे के बाहर खड़े निज्जर पर खुलेआम गोलियां बरसाईं गई थीं. कनाडा पुलिस ने इस मामले में भारतीय मूल के चार नागरिकों करन बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह, और करनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था. इन्हें भारत सरकार का एजेंट बताया गया था. इन चारों के खिलाफ कनाडा पुलिस ने नवंबर, 2024 को निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.

चारों आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी थी जमानत
चारों आरोपियों ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद कनाडा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Canada) में जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस अर्जी को मंजूर करने के बाद सुनवाई की गई. कोर्ट डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, सुनवाई के दौरान एक आरोपी वकील के माध्यम से शामिल हुआ, जबकि तीन आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में शामिल हुए. न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में दाखिल सबूतों को पर्याप्त नहीं मानते हुए चारों आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया है. 

जमानत मिलते ही भारत सरकार ने जताई नाराजगी
न्यूज18 की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चारों आरोपियों को जमानत मिलने पर भारत सरकार भी एक्टिव हो गई है. भारत सरकार ने इसे 'शर्मनाक' बताया है कि कनाडा पुलिस के पास कोई ठोस सबूत ही नहीं था. सिर्फ भारत के खिलाफ मामला बनाने के लिए चार स्थानीय भारतीय युवाओं को गिरफ्तार किया है और बिना पर्याप्त सबूत के ही मामला तैयार कर दिया. सबूतों के बिना ही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय अधिकारियों पर सवाल उठाए. हमने उन्हें लगातार खारिज किया और अब उनकी पुलिस ने भी हमारी बात की पुष्टि की है.

ट्रूडो के आरोपों को भारत ने बताया था 'बेतुका'
जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई खुफिया एजेंसियों के हवाले से अपनी संसद में मोदी सरकार पर अपने एजेंटों से ये हत्या कराने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही भारत-कनाडा के संबंधों में गिरावट आ रही है. कनाडा के इन आरोपों के पक्ष में बाद में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि भी खड़े हो गए थे. हालांकि भारत सरकार ने लगातार इन आरोपों को 'बेतुका' बताते हुए उल्टे ट्रूडो पर कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को पनाह देने और भारत विरोधी गतिविधियों की इजाजत देने का आरोप लगाया था.

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