दुनिया
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी सैन्य रुख 'नहीं बदला है', भले ही ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ईरान में शासन परिवर्तन के बारे में खुले तौर पर पोस्ट किया हो.
व्हाइट हाउस ने सोमवार को ईरान में बढ़ते संघर्ष में अमेरिका के इरादों को स्पष्ट करने की कोशिश की, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान में शासन परिवर्तन की संभावना के बारे में सोचा, यह टिप्पणी उनके अपने प्रशासन की स्थिति से अलग थी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने संवाददाताओं से कहा कि ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों के बाद रविवार रात ट्रंप की टिप्पणियों के बावजूद अमेरिकी सैन्य रुख 'नहीं बदला है'.
लेविट ने कहा, 'राष्ट्रपति बस एक सवाल उठा रहे थे जो मुझे लगता है कि दुनिया भर में कई लोग पूछ रहे हैं. ' 'अगर ईरानी शासन अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने या बातचीत में शामिल होने से इनकार करता है... अगर वे आगे बढ़ने के लिए कूटनीति में शामिल होने से इनकार करते हैं, तो ईरानी लोगों को इस क्रूर आतंकवादी शासन के खिलाफ क्यों नहीं उठना चाहिए?'
उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा सवाल है जिसे राष्ट्रपति ने कल रात उठाया था.' 'लेकिन जहां तक हमारी सैन्य स्थिति का सवाल है, इसमें कोई बदलाव नहीं आया है.'
लीविट ने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका ने शनिवार रात से ईरानी अधिकारियों को 'सार्वजनिक और निजी संदेश' भेजे हैं, लेकिन उन्होंने उनकी विषय-वस्तु के बारे में विस्तार से नहीं बताया.
यह स्पष्टीकरण ट्रंप द्वारा ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखे गए लेख के बाद आया है. ट्रंप ने लिखा हे कि, 'शासन परिवर्तन' शब्द का उपयोग करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन यदि वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा??? MIGA!!!' - अपने स्वयं के नारे 'अमेरिका को फिर से महान बनाओ' का हवाला देते हुए.
उनकी यह पोस्ट उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा इस बात पर जोर दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद आई कि अमेरिकी हमले ईरान की सरकार को उखाड़ फेंकने के बारे में नहीं थे.
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत हवाई हमलों ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को 'नष्ट' कर दिया है.
हालांकि, पेंटागन के अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों ने अधिक सतर्क रुख अपनाया है. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि यह निर्धारित करना 'बहुत जल्दी' है कि ईरान का परमाणु बुनियादी ढांचा स्थायी रूप से अक्षम हो गया है या नहीं.
ईरान पर अमेरिकी हमलों के मद्देनजर, इजरायल ने अपने सैन्य अभियान को तेज कर दिया, तेहरान पर अपने अब तक के सबसे शक्तिशाली हमले शुरू किए, जिसमें रिवोल्यूशनरी गार्ड साइट्स और कुख्यात एविन जेल को निशाना बनाया गया. इजरायल ने फोर्टो, एक किलेबंद परमाणु संवर्धन स्थल पर हमलों की भी पुष्टि की.
इजरायल की सेना के अनुसार, सोमवार को फोर्डो हमले का उद्देश्य उस सुविधा तक पहुंचने के लिए 'पहुंच मार्ग को बाधित करना' था, जिस पर अमेरिका ने एक दिन पहले बंकर बस्टर बमों का उपयोग करके हमला किया था.
इस बीच, ईरानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता इब्राहिम ज़ोल्फ़ागरी ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए इसे 'शत्रुतापूर्ण कृत्य'बताया और चेतावनी दी कि यह 'क्षेत्र में युद्ध के विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगा.'
उन्होंने एक टेलीविज़न संबोधन में कहा, 'इस्लाम के लड़ाके आप पर गंभीर, अप्रत्याशित परिणाम लाएंगे.'
ईरान ने इजरायल के शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर कई मिसाइलों से हमला करके नवीनतम इजरायली हमलों का जवाब दिया. ईरानी अधिकारियों ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकियों को भी दोहराया.