अंतर्राष्ट्रीय खबरें
US रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर चीन अपनी आर्मी तैनात करने में कामयाब हो गया तो यह भारत के लिए बड़ा खतरा होगा, क्योंकि ये देश भारत की थल और समुद्री सीमाओं से निकट हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को अपनी हैसियत के बारे में पता चल गया है. चीन को भी समझ आ गया है कि अब 1962 वाला भारत नहीं रहा है. ऐसे में दोनों देशों ने भारत के खिलाफ नापाक रणनीति बनाने शुरू कर दिया है. पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहा है. वह भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. वहीं, चीन, भारत की चारों ओर सीमाओं पर सैन्य जाल फैला रहा है. यह खुलासा अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में हुआ है.
अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंदी मानता है. जबकि पाकिस्तान को एक सीमित सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है. जिसे नियंत्रण में रखा जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैन्य ठिकानों को म्यांमार, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे भारते के पड़ोसी देशों में स्थापित करने की योजना बना रहा है.
US रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर चीन यह करने में कामयाब हो गया तो यह भारत के लिए बड़ा खतरा होगा, क्योंकि ये देश भारत की थल और समुद्री सीमाओं से निकट हैं. यह ड्रैगन की 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीतिक का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है.
रिपोर्ट के मुताबिक मई 2024 के मध्य में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा पार गोलीबारी और हमलों के बावजूद भारत की रणनीतिक सोच में चीन को प्राथमिक खतरे के रूप में देखा जा रहा है.
भारत-पाक के सीजफायर का जिक्र
रिपोर्ट के अनुसार, मई के महीने की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान संघर्ष का संदर्भ दिया गया था, जब भारतीय हवाई हमलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (LoC) में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया था. पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवाद से संबंधित बुनियादी ढांचे पर मिसाइल हमले किए. इसके बाद 7 से 10 मई तक दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और मिसाइल, ड्रोन और लोइटरिंग अटैक होने लगे. इस दौरान भारी तोपखाने की गोलाबारी की गई. 10 मई को भारत-पाक के बीच सीजफायर हुआ.
भारत, चीन के प्रभाव को कम करने और अपनी वैश्विक नेतृत्व भूमिका को मजबूत करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को प्राथमिकता दे रहा है. जिसके तहत सैन्य अभ्यास, ट्रेनिंग, हथियार ब्रिकी और सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल है.
रिपोर्ट में कहा गया कि अक्टूबर 2024 में भारत और चीन ने पूर्व लद्दाख में वास्तिवक नियंत्रण रेखा यानि LAC के दो विवादित इलाकों से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाने के लिए सहमति बनाई. इस सहमति से विवाद भले ही कुछ दिन के लिए टल गया हो, लेकिन मामला अभी भी अनसुलझा है.
पाकिस्तान का परमाणु हथियार बढ़ाने पर जोर
यूएस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान तेजी से अपने परमाणु हथियारों को बढ़ाने में जुटा है. वह भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. इसमें चीन उसकी मदद कर रहा है. यह नापाक हरकत पाकिस्तान की सैन्य सोच और सीमा पर उसकी आक्रमकता को दर्शाता है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.