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पहले IMF और फिर एशियन डेवलपमेंट बैंक ने पाकिस्तान को कर्ज में बड़ी रकम दी है. ये कर्ज पाकिस्तान की खस्ताहाल हो चुकी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए दिए गए हैं. लेकिन पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल अपने नेताओं की जेबें भरने के लिए कर रहा है.
पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन पुरज़ोर कोशिशें कर रहे हैं. इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड और तमाम विदेशी संस्थाओं ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता दी है. पहले ही कर्ज में डूबे पाकिस्तान को IMF ने 1 अरब डॉलर और एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 800 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया है. लेकिन पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल अपने नेताओं की जेबें भरने के लिए कर रहा है.
पाकिस्तान के समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की नैशनल एसेंबली के स्पीकर और सीनेट के चेयरमैन की सैलरी में 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही उन्हें 50 प्रतिशत का टेम्पररी अलाउंस भी दिया जाएगा. स्पीकर और सीनेट चेयरमैन की महीने की सैलरी पहले करीब 2,05,000 रुपये थी. जिसे बढ़ाकर 13 लाख रुपये कर दिया गया है. यह छह गुना बढ़ोतरी है. 50 प्रतिशत का अलाउंस जोड़कर टोटल इनकम 19.5 लाख रुपये पहुंच जाएगी. यह सैलरी 1 जनवरी, 2025 से लागू कर दी जाएगी.
इससे पहले मार्च में पाकिस्तान ने अपने केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों की सैलरी भी बढ़ाई थी. उनके सैलरी में 188 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. सैलरी बढ़ाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने मंत्रियों की सैलरी से जुड़े एक्ट में संशोधन भी किए थे. इस रिविज़न के बाद केंद्रीय मंत्रियों की सैलरी 2 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख 19 हजार रुपये हो गई थी.
नेताओं की तनख्वाह ऐसे समय पर बढ़ाई जा रही है जब पाकिस्तान आर्थिक संकट से गुज़र रहा है. जनता महंगाई से परेशान है और पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां आर्थिक सुधार का दबाव बना रही हैं.
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