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Taliban शासन का एक साल: हजारों की हत्या, भुखमरी, पलायन, जानिए कितना बेहाल हो गया अफगानिस्तान

Taliban Rule Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान शासन के एक साल के भीतर ही देश में भुखमरी, गरीबी और पलायन की समस्या चरम पर पहुंच गई है. इसके अलावा, मानवाधिकार हनन का मुद्दा भी अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बना हुआ है.

Taliban शासन का एक साल: हजारों की हत्या, भुखमरी, पलायन, जानिए कितना बेहाल हो गया अफगानिस्तान

अफगानिस्तान में तालिबान शासन का एक साल

डीएनए हिंदी: आज से ठीक एक साल पहले अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्ता परिवर्तन हो गया था. आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार को बेदखल करके खुद की सरकार बना ली. इस एक साल में अफगानिस्तान कई मानकों में पिछड़ता जा रहा है. देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है. एक साल में दो हजार से ज्यादा लोगों की हत्याएं हुई हैं. ज्यादातर लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं और लाखों लोग अफगानिस्तान से पलायन को मजबूर हुए हैं. सिख अल्पसंख्यकों पर कई हमले हुए हैं और इस्लामिक चरमपंथियों ने महिलाओं के हकों पर एक तरह से ताला लगा दिया है.

लंबे समय से अफगानिस्तान की रक्षा कर रही अमेरिकी सेनाओं के वापस जाने के ऐलान के बाद से ही यह तय हो गया था कि अब अफगानिस्तान पर आतंकियों का कब्जा हो जाएगा. आखिर में वही हुआ और तालिबान ने अपनी सरकार बना ली. आज हालात यूं हैं कि देश के 80 फीसदी बच्चों को एक टाइम का भी खाना नसीब नहीं हो पा रहा है. 

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बजट में हुई 65 प्रतिशत की कटौती
अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था का हाल कुछ ऐसा है कि एक साल में ही बजट में 65 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है. लड़कियों की शिक्षा पर अभी भी प्रतिबंध है और सिर्फ़ प्राइमरी स्कूल की लड़कियां ही पढ़ाई कर पा रही हैं. संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के मुताबिक, बीते एक साल में पांच लाख से ज्यादा लोग अफगानिस्तान से पलायन को मजबूर हुए हैं.

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इसके अलावा, तालिबानी शासन के एक ही साल में 2,106 लोगों की हत्या हुई है. मानवाधिकार की हालत यह है कि 122 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है और 80 फीसदी महिला पत्रकारों ने अपना काम छोड़ दिया है. मानवाधिकार हनन के मामलों की वजह से ही अमेरिका ने अफगानिस्तान के 56 हजार करोड़ रुपये का फंड फ्रीज कर दिया है.

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