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भारत
आज यानी 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाए जाने के छह साल पूरे हो जाएंगे. इस बीच, जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा कब मिलेगा? इस पर अब चर्चाएं और दिल्ली में हलचल भी दिखने लगी है.
क्या जम्मू-कश्मीर को 6 साल बाद फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा? ऐसे कयास तब लगाए जा रहे हैं जब चर्चा है कि आज या 6 अगस्त से पहले कुछ बड़ा होने वाला है. 5 अगस्त को भारत सरकार द्वारा भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 को हटाने के छह साल पूरे हो जाएंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (3 जुलाई) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इसके अलावा मंगलवार यानी आज सुबह एनडीए संसदीय दल की बैठक भी होगी.
इन घटनाक्रमों के चलते इस बात की चर्चा है कि क्या मोदी सरकार आज 5 अगस्त को कोई और बड़ा फैसला लेगी. इससे पहले राम मंदिर का शिलान्यास और बाद में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला भी 5 अगस्त को ही लिया गया था.
मीडिया से बात करते हुए, जो जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने के छह साल पूरे होने का प्रतीक होगा, फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को अपना राज्य का दर्जा कब वापस मिलेगा? उन्होंने (भाजपा) पिछले छह वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सुधार के नाम पर क्या किया है? मुझे यकीन है कि एक दिन उन्हें यह फैसला लेना होगा. कोई और रास्ता नहीं है. यहां (जम्मू-कश्मीर में) राजभवन में एक वायसराय बैठा है, लेकिन मुख्य व्यक्ति राजभवन में बैठा वायसराय है. इस व्यवस्था को बदलने का समय आ गया है. यह एक लोकतांत्रिक देश है."
सरकार ने कभी भी राज्य के दर्जे से इनकार नहीं किया, सिर्फ़ सही समय की बात की है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या अभी सही समय है? अटकलें लगाई जा रही हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है और सबसे ज़्यादा चर्चा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की है. फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बयान से भी ऐसी अटकलें तेज़ हो गई हैं.
सुरक्षा दावों पर उठे सवाल
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जारी मुठभेड़ पर फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि आतंकवाद पूरी तरह से ख़त्म हो गया है, लेकिन जो लोग कहते थे कि आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 ज़िम्मेदार है, वे कई सालों तक यहाँ काबिज़ रहे. पहलगाम हमले से पहले उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने सभी आतंकी कैंपों को ख़त्म कर दिया है." फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आगे कहा कि उन्होंने यह भी कहा था कि पड़ोसी के साथ जारी जंग में आतंकियों को पीछे धकेला गया है. तो अब कुलगाम में मुठभेड़ कैसे हो रही है?
इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था. उसके बाद दावा किया गया था कि जम्मू-कश्मीर के हालात सुधरेंगे, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है.
केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
किसी केंद्र शासित प्रदेश को राज्य या किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के लिए संसद में प्रस्ताव लाना होता है. दोनों सदनों द्वारा प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने और फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही इस पर फ़ैसला लिया जाता है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें ऐसे ही प्रस्ताव की जानकारी दी है. 2019 में पुनर्गठन अधिनियम पारित करके जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. अब उसी विधेयक में संशोधन होना है. इसके लिए संसद में एक नया संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा और फिर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
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